अगले दस वर्षों में 100 मिलियन जॉब्स के लक्ष्य के लिये मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर में सुधारों पर ध्यान देना होगा।
फरीदाबाद। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा ने कहा है कि भारत को मैन्यूफैकचरिंग हब बनाने के लिये किये जा रहे प्रयास केवल तभी सफल हो सकते हैं जब यहां श्रम कानूनों और स्किलिंग पर सरकार द्वारा विशेष रूप से ध्यान दिया जाए।
श्री मल्होत्रा के अनुसार औद्योगिक उत्पादन व रोजगार संबंधी आंकड़ों से स्पष्ट है कि वर्तमान परिवेश के अनुरूप इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश जरूरी है। एमएसएमई सैक्टर के हितों को ध्यान में रखते हुए एसोसिएशन ने सरकार से इस संबंध में प्रभावी पग उठाने का आग्रह किया है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये औद्योगिक सप्लाई चेन में बाधित कारकों के संबंध में व्यावहारिक नीति तैयार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री मल्होत्रा ने कहा है कि मैन्यूफैक्चरिंग प्रक्रिया को उच्च स्तरीय मानकों के अनुरूप बनाना होगा, प्रोडक्टीविटी व गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा, स्किल डेवलपमैंट में निवेश
को बढ़ाना होगा और स्किल इंडिया की ओर फोकस केंद्रित करना होगा।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव श्री विजय राघवन के अनुसार वर्तमान सरकार हालांकि उक्त सुझावों के अनुरूप कार्यरत है परंतु अभी काफी कदम बढ़ाए जाने जरूरी हैं।
श्री मल्होत्रा के अनुसार भारत वर्तमान में कोविड-19 के दौर से गुजर रहा है और वैक्सीनेशन ड्राईव के बावजूद चिंता का माहौल बना हुआ है। अगले दस वर्षों में 100 मिलियन जॉब्स के लक्ष्य के लिये मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर में सुधारों पर ध्यान देना होगा।
श्री मल्होत्रा का मानना है कि भूमि, श्रम, कैपीटल और आंत्रेप्यूनरशिप जिसमें ईज आफ डुईंग बिजनेस शामिल है, पर फोकस केंद्रित किया जाना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत के संबंध में आपने स्पष्ट करते कहा है कि यह केेवल स्थानीय स्तर पर उत्पादकता से ही संभव नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर खरीद भी जरूरी है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सलाहकार श्री एम पी रूंगटा के अनुसार भारतीय व्यवसाय में हाउसओल्ड सेविंग से भी निवेश होना समय की मांग है।
श्री मल्होत्रा जोकि हाल ही में भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट मैंटर चैप्टर के चेयरमैन नियुक्त किये गये हैं, के अनुसार युवा वर्ग को स्वरोजगार के लिये आगे बढ़ाया जाना आवश्यक है। आपने इस संबंध में ट्रस्ट की भूमिका को काफी कारगर बताया है।
बीवाईएसटी के श्री एस के दत्त के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि युवा वर्ग को स्वरोजगार के लिये प्रेरित किया जाए।
श्री मल्होत्रा के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग और हैल्थ केयर क्षेत्र में काफी कुछ किया जाना आवश्यक है। आपने निर्यात से आय में बढ़ौतरी और ईज आफ डुईंग बिजनेस को और प्रभावी बनाने की भी आवश्यकता पर बल दिया है।