कोरोना महामारी ने युवाओं में रोजगार के नए साधन जुटा कर कमाई का नया जरिया सिखा दिया,एमए करने वाला युवा खेतों में उगा रहा रसियन लेटूस और पॉक्चोई
कोरोना महामारी ने आज के युवाओं में रोजगार के नए साधन जुटा कर उनसे कमाई का नया जरिया सिखा दिया है। जो युवा किसी एक फील्ड के भरोसा रह कर आमदनी का साधन जुटाते थे अब यही युवा खेती को भी बखूबी अपना कर लाभ का धंधा तैयार करने में जुटे हैं। चंदावली गांव के रहने वाले संदीप रियल एस्टेट का काम करते थे लेकिन कोरोना ने रियल स्टेट को इस कदर हिलाया कि उन्होंने इसके साथ साथ अब खेती को भी रोजगार के नजरिये से अपना लिया है। एमए हिंदी की पढ़ाई कर चुके संदीप यादव अपने खेतों में अब रसियन सलाद में इस्तेमाल होने वाले आइटम को उगा रहे हैं तो वहीं फलों के बाग भी लगाए हैं। उनका मानना है कि आज के युवाओं को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे संकट के वक्त भी उसकी रोजी रोटी पर आंच न आए।
होटलों में है रसियन सलाद की डिमांड
चंदावली गांव के रहने वाले संदीप यादव ने बताया कि वह सेक्टर 2 में रहते हैं। अग्रवाल कॉलेज से एमए हिंदी की पढ़ाई करने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में कूद गए और काफी बढ़िया काम चल रहा था लेकिन अचानक पिछले साल कोरोना महामारी के कारण रियल सेक्टर की कमर टूट गई। जिस कारण उन्हें खेती को भी अपनाना पड़ा। पिछले साल ही उन्होंने अपने अटाली स्थित खेतों में कुछ अलग उगाने की कोशिश की जाे अब रंग ला रही है। क्योंकि अमूमन किसान केवल परंपरागत खेती करता है। अगर खेतों में मार्केट के हिसाब से कुछ उगाया जाए तो बढ़िया रहेगा। इसलिए उन्होंने डेढ़ एकड़ जमीन पर हरी सब्जियां उगाई ताकि मार्केट में अच्छी कीमत मिले। इनमें से सबसे अहम है रसियन लेटूस और पॉक्चोई। ये दोनाें ही हरी सब्जियां है जिसे फरीदाबाद में कोई नहीं उगाता। ये सलाद में इस्तेमाल होती है। वहीं दूसरी तरफ ऑर्गेनिक सब्जियां भी उन्होंने उगानी शुरू कर दी।
फरीदाबा का पहला बाग भी तैयार किया
संदीप यादव ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में सब्जियां उगाने के साथ साथ बाग भी लगाए है। ताकि फल उगा कर उन्हें मार्केट में बेचा जा सके। क्योंकि खेती भी ऐसी करनी है जिससे रेट अच्छा मिल सके। खेती को लाभ का सौदा बनाना है न कि घाटे का। इसलिए उन्होंने अपने खेतों में डेढ़ एकड़ जमीन पर 500 थाई अमरूद, 100 अनार और 125 नींबू के पेड़ भी लगा दिया है। उन्होंने बताया कि ये फरीदाबाद का पहला बाग है। क्योंकि फरीदाबाद में किसान अपने खेतों में बाग नहीं लगाना चाहता।
सिंचाई की नई विधि अपनाई
संदीप यादव ने बताया कि कोरोना महामारी ने अत्याधुनिक तरीके से रोजगार के साधन खोजने में काफी मदद की है। वह खेती के साथ साथ पानी बचाने पर भी जोर दे रहे हैं। अपने खेतों पर पह ड्रिप विधि से सिंचाई करते है। जो पाईप लाइनों की मदद से खेतों में पानी पहुंचाया जाता है। इसमें कम पानी से ज्यादा खेतों को सींचा जा सकता है। अपने इस अत्याधुनिक खेती के बारे में अन्य किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं ताकि लोग परंपारगत खेती को छोड़ कर अन्य चीजों को भी बोये ताकि उसकी आमदनी हो सके।