भीषण गर्मी में लॉकडाउन के कारण ग्रीनफील्ड कॉलोनी की हरियाली खराब न हो, इसके लिए स्थानीय पार्षद , और कई समाजसेवी आगे आए।
Citymirrorsnews – ऑक्सीजन जीने के लिए जरूरी है यह तो इंसान को पता था । लेकिन इसके प्रति की गई लापरवाही उसे कितनी बड़ी मुसीबत में डाल देगी यह अहसास कोरोना वायरस फैलने के बाद ऑक्सीजन की कमी पर पता चल रहा है । फरीदाबाद शहर के ग्रीनफील्ड कॉलोनी को ग्रीन बनाने में अथक प्रयास करने वाले ग्रीनफ़ील्ड कॉलोनी के लोग हमेशा से ही आगे रहे है। और वही उनके साथ पूर्व पार्षद कैलाश बैसला और उनकी टीम सदस्य डॉ नेहा चौधरी , प्रेमनाथ शर्मा एक्स डायरेक्टर कैबिनेट सेक्रेट्रिएट सहित कई लोग और सबसे बड़े सहयोगी यूआईसी के चेयरमैन प्रशांत भूषण के प्रयास काबिले तारीफ है। गौरतलब है कि पार्कों हरा भरा बनाने उनकी देखभाल करने के लिए माली रखे हुए थे। और सड़कों पर लगे पेड़ों को बचाएं रखने के लिए कॉलोनी के ही लोग वॉलंटियर्स के रूप में काम कर रहे थे। वही समय समय पर पूर्व पार्षद कैलाश बैसला और टीम सदस्य डॉ नेहा चौधरी इन पार्को के कंडीशन का निरक्षण कर ग्रीनफील्ड कॉलोनी को हरा भरा बनाने मे हर तरह से सहयोग कर रहे थे। लेकिन कोरोना काल के कारण सब कुछ एक बार फिर से लॉक डाउन सा लग चुका है। तो ऐसी स्थिति में कॉलोनी की ग्रीनरी खराब न हो और पार्कों को नुकसान न हो। एक बार फिर पूर्व पार्षद कैलाश बैसला और उनकी टीम सदस्य समाज सेवी डॉ नेहा चौधरी और प्रेमनाथ शर्मा एक्स डायरेक्टर कैबिनेट सेक्रेट्रिएट ने पार्को के पेड़ पौधों के साथ ही सड़कों पर लगे पेड़ों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए इस गर्मी में भी UIC से पानी के टैंकरों की मांग की थी। जिसे UIC चेयरमैन प्रोफेसर भारत भूषण ने तुरंत मान लिया। जिसके लिए पूर्व पार्षद कैलाश बैसला, समाजसेवी डॉ नेहा चौधरी और प्रेमनाथ शर्मा एक्स डायरेक्टर कैबिनेट सेक्रेट्रिएट ने यूआईसी का तहे दिल से धन्यवाद किया है। वही पूर्व पार्षद कैलाश बैसला ने ग्रीनफ़ील्ड कॉलोनी के लोगों से आग्रह किया है कि लॉकडाउन की वजह से UIC के माली काम पर नही आ रहे हैं इसलिए UIC द्वारा दिये गए पानी के टैंकरों के पानी को पार्को में और सड़कों पर लगे पेड़ों में डालने के लिए, पिछले साल की तरह, इस बार भी पार्को और सड़कों पर लगे पेड़ों के नजदीक ही रहने वाले वॉलंटियर्स की जरूरत है । जो टैंकरों के आने पर पेड़ पौधों को पानी दे सके। कैलाश बैसला ने कहा है कि यह पेड़ ही तो है जो हमारा जीवन बचा रहे है। कोरोना काल में ऑक्सीजन के लिए आज इंसान दर दर भटक रहा हैऑक्सीजन के अभाव में लोग अपने परिवार के सदस्यों को इस बीमारी से खो रहे है। वही समाजसेवी डॉ नेहा चौधरी ने ग्रीनफ़ील्ड के लोगों सेअपील की है कि वॉलंटियर्स के रूप में आगे आए क्योकि बिना स्थानीय लोगों के सहयोग के हम कोई भी कार्य पूरा नही कर सकते।