सूरजकुंड रोड पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करना ड्रामा साबित हुआ। कई मंत्री और पूर्व मंत्रियों के फॉर्म हाउस को किया अनदेखा।
अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए निकली वन विभाग की टीम आंखों में धूल झोंककर वापिस आ गई। वीरवार की सुबह भारी पुलिस फोर्स के साथ वन विभाग की टीम नगर निगम अधिकारियों के संग सूरजकुंड रोड पर पहुंच गई। डयूटी मजिस्टे्रट के तौर पर नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर प्रशांत अटकान मौजूद थे। इस मौके पर तोडफ़ोड के दौरान डयूटी मजिस्टे्रट प्रशांत अटकान की एक अवैध फार्म हाऊस मालिक के साथ गर्मागर्म बहस हुई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया। प्रशांत अटकान द्वारा किए गए व्यवहार की सोशल मीडिया पर जमकर वीडियो वायरल हुई। इसके अलावा एक दो स्थानों पर तोडफ़ोड के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही की गई। ऐसा प्रतीत हुआ कि तोडफ़ोड़ की यह कार्रवाई महज दिखावे के लिए ही की गई थी। प्रभावशाली लोगों के फार्म हाऊस छोड़ दिए गए, जबकि जिन लोगों की सिफारिश नहीं थी, उन्हें तोडक़र वन विभाग ने अपनी खाल बचाने का काम किया। डिलाईट गार्डन के पीछे राधास्वामी आश्रम के पास एक बाऊंड्री वॉल तोड़ी गई। इसके अलावा एकाध दीवार और तोड़ी गई, जबकि इस रोड पर विधायक, मंत्री, पूर्व मंत्री एवं अधिकारियों के फार्म हाऊस भी बने हुए हैं, मगर उन्हें छोड़ दिए गया। गोपाल गऊशाला की ओर जाने वाले रास्ते के दोनों तरफ बने हुए फार्म हाऊस की ओर वन विभाग ने देखा तक नहीं। इनमें से एक फार्म हाऊस में करीब पंद्रह एकड़ पर अवैध रूप से भव्य होटल बनाया जा रहा है।