आईएमए फरीदाबाद ने बाबा रामदेव की उस वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने एलोपैथी को दिवालिया विज्ञान कहा है।
फरीदाबाद ने बाबा रामदेव की कथित रूप से 20 मई की उस वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने एलोपैथी को दिवालिया विज्ञान कहा है। उसी दिन से यह वीडियो वायरल हो रहा है। बाबा ने उस वीडियो में यह भी कहा है कि एलोपैथी लाखों लोगों की मौत की जिम्मेदार है और एलोपैथी ऐसा मंद और दिवालिया विज्ञान है जिसमें सभी दवाइयां फेल हो गई है। बड़े ही शर्म की बात है, इतनी ऊंची छवि रखने वाले बाबा को इस तरह के बयान देने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए था कि एलोपैथी के डॉक्टर पिछले डेढ़ साल से पूरे देश के मरीजों की कोरोना से रक्षा करने में जी जान से लगे हुए हैं। अब तक करीब 1200 डॉक्टरों ने अपनी जान भी गवाई है। देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होने के बावजूद भी डॉक्टरों के हौसले और उनकी मेहनत के कारण ही भारत में मृत्यु दर विकसित देशों की तुलना में कम रही है।
मीडिया प्रभारी IMA फरीदाबाद डॉ. सुरेश अरोड़ा ने बताया कि अब तक एलोपैथी के डॉक्टरों ने जितने भी तरीकों से कोरोना के मरीजों का इलाज किया है वह सभी भारत सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों व औषधि नियंत्रक की मंजूरी के तहत ही उपयोग किए गए हैं। इस तरह से बाबा ने भारत सरकार की क्षमता पर भी सवाल उठाए हैं।
डॉ. पुनीता हसीजा ने बताया कि बाबा के इस तरह के बयानों से देश के सभी डॉक्टरों में हताशा है और चिकित्सा जगत को आघात पहुंचा है। हम यह मांग करते हैं कि सरकार को बाबा के विरुद्ध तुरंत कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए नहीं तो IMA हेडक्वार्टर लेवल पर उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई की जाएगी।