इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना को लेकर जांच करने गए डॉक्टरों पर लोगों ने पत्थर मारा और थूंका, पुलिस ने की करवाई शुरू।
एक तरफ ये निहत्थे, लेकिन हौसले और इंसानियत के दम पर उनकी जिंदगी बचाने की जंग लड़ रहे थे, तो दूसरी तरफ से वही लोग जिंदगी बचाने वालों पर पत्थर बरसा रहे थे। कोरोना वायरस को हराने के लिए जहां पूरा सरकारी तंत्र दिन-रात एक किए हुए है, वहीं कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने में लगे हैं। यह रंग भी वही लोग दे रहे हैं जिनकी जिंदगी कोरोना के कारण दांव पर लगी है।
बुधवार को शहर की टाटपट्टी बाखल में ऐसी ही घटना हुई। टाटपट्टी बाखल में तहसीलदार चरणजीत हुडा के साथ दो महिला डॉक्टर, चार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पुलिस के सिपाही कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों का सर्वे करने पहुंचे थे। स्वास्थ्य अमला तो स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचा था, लेकिन दूसरी तरफ करीब 40 लोगों का हुजूम उन पर पथराव करने लगा।
ये स्वास्थ्य कर्मचारी खुद संक्रमित होने की चिंता छोड़ कोरोना प्रभावित बस्तियों में रात-दिन जुटे हैं। ये कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उनके परिवार के अन्य लोगों को क्वारंटाइन और आइसोलेट कर रहे हैं ताकि उनको भी प्रभावित होने से बचाया जा सके। उन्हीं जीवन रक्षकों पर हमला शर्मसार करने वाला है।
मंगलवार को भी हमारी टीम सर्वे के लिए पहुंची तो वहां के लोगों ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया था। फिर आज अचानक ऐसी घटना हो गई। हमारे लोग विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। कई छोटे कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं।