उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में कैलास की यात्रा में फंसे फरीदाबाद के वरिष्ठ उद्योगपति व रोटेरियन प्रेमप्रकाश पसरीचा सकुशल वापस लौटे । परिवार और शहर के लोगों ने खुशी जाहिर की ।
फरीदाबाद, 25 अक्टूबर। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के लिए गए जिले के वरिष्ठ उद्योगपति व रोटेरियन प्रेमप्रकाश पसरीचा व
अन्य यात्रियों के साथ आदि कैलास के पास बेमौसम बारिश, बफबारी और भूस्खलन के कारण रास्ते बंद होने के कारण वहां फंस गए थे, जिन्हें भारतीय सेना ने
अपनी जांजाबी दिखाते हुए सकुशल बचा लिया तथा वे अब फरीदाबाद लौट आए हैं। आज सेक्टर 11 स्थित उनके आवास पर सुनील खंडूजा, अमित आर्य, पी.एल.
जुनेजा, एम.के. मेहता, टोनी पहलवान,, कुलदीप सिंह साहनी, वीरेंद्रचक्रवती, सी.पी. कालड़ा, सुनील चौधरी व दीपक अग्रवाल ने सकुशल वापस लौटने
पर उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। इस दौरान रोटेरियन प्रेम पसरीचा,श्रीमती कांता रानी, श्रीमती रचना पसरीचा व नवीन पसरीचा तथा परिवार के
सभी सदस्यों ने इंडियन आर्मी, हरियाणा सरकार व उत्तराखंड सरकार काधन्यवाद किया। अपनी आपबीती बताते हुए 72 वर्षीय प्रेमप्रकाश पसरीचा ने बताया कि वे गत
12 अक्टूबर को आदि कैलास की यात्रा पर गए थे। 16 अक्टूबर को आखिरी बारपरिवार से बात हो पाई, तब वे गुंजी नामक स्थान पर थे। इसके बाद मोबाइल
फोन के सिग्नल खत्म हो गए और वे अगले चार दिन तक परिवार से बात नहीं करपाए। इस दौरान वे 26 अन्य साथियों के साथ आदि कैलास के पास ज्योलि कांग
जगह पर एक गेस्ट हाउस में फंस गए। रास्ते बंद होने के कारण वे आगे नहींबढ़ पाए। उस समय वहां पर तापमान 12 डिग्री से भी कम था। लेकिन हरियाणा
सरकार व उत्तराखंड सरकार की सूचना पर भारतीय सेना के जांबाजों ने उन्हेंवहां से सुरक्षित निकाल लिया, जिससे उनकी व उनके सभी साथियों की जान बच
पाई, इसके लिए वे सेना, उत्तराखंड व हरियाणा सरकार के प्रयासों के आभारीहैं। इस मौके पर समाजसेवी टोनी पहलवान ने कहा कि रोटेरियन परिवार को सकुशल
बचाने के लिए वे मीडिया के साथ ही भारतीय सेना, हरियाणा सरकार वउत्तराखंड सरकार की त्वरित कार्रवाई की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम
हैं क्योंकि उन्होंने सूचना मिलते ही इन फंसे हुए सभी लोगों की जान बचानेमें कोई कसर बाकी नहीं रखी। वहीं परिवार के सकुशल वापस लौटने पर भी शहर
में खुशी का माहौल है और परिवारों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।