एक जनवरी से मास्क नहीं-सेवा नहीं, वैक्सीनेशन नहीं-एंट्री नहीं: डीसी जितेंद्र यादव
– कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव को प्रशासन सजग।
– सावर्जनिक स्थानों पर चेकिंग दस्ते होंगे तैनात, सरकारी कार्यालयों में विभागाध्यक्ष जिम्मेदार
– उपायुक्त ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए अधिकारियों व निजी अस्पतालों के संचालकों की ली मीटिंग
कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए उपायुक्त जितेंद्र यादव ने शुक्रवार को लघु सचिवालय में जिला के सभी अधिकारियों व निजी अस्पतालों के संचालकों की मीटिंग ली। मीटिंग में उन्होंने कहा कि आपदा अभी गई नहीं है और हमें इसके लिए लगातार सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि हमें पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए शुरूआत में ही सभी जरूरी कदम उठाने हैं।
मीटिंग में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचाव को लेकर प्रशासन सजग और सतर्क हो गया है। दिल्ली व आसपास के जिलों में प्रतिदिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से जिला प्रशासन सभी संभव कदम उठा रहा है। अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव व फैलने से रोकने के लिए सभी पात्र नागरिकों को वैक्सिन लगवानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला में 83 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक जनवरी से नो मास्क -नो सर्विस, नो वैक्सिनेशन-नो इंट्री का नियम लागू किया जा रहा है। सभी सार्वजनिक स्थानों, सरकारी एवं अर्धसरकारी कार्यालयों, संस्थाओं, संस्थानों, प्रतिष्ठïानों मेंं कोरोना रोधी टीके की दोनों डोज लिए हैं उनको ही प्रवेश की अनुमति होगी।
डीसी ने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें जिस अधिकारी व कर्मचारी व नागरिक ने दोनों टीके लगवाए हुए हैं, उन्हीं की कार्यालयों मेंं एंट्री हो। बिना टीका लगवाएं कार्यालय में एंट्री न हो। इसके लिए सभी कार्यालयों के बाहर सूचना भी अवश्य लगाई जाए। उन्होंने कहा कि दुकानदार और बड़े प्रतिष्ठान भी यह सुनिश्चित करें की जिस ग्राहक ने दोनों टीके लगवाए हैं उसी को सामान दें। यह सभी के हित में है। डीसी ने कहा कि प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। सरकारी कार्यालयों में गेट पर चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैंं। कोरोना वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट दिखाने पर ही एंट्री करने दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। दोनों टीके लगवाए, घर से बाहर फेस मास्क पहनकर ही निकलें। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। कोविड प्रोटोकॉल की अनुपालना करें। मीटिंग में उन्होंने सभी अधिकारियों व आम लोगों से आह्वान किया कि इसको कोरोना व ओमीक्रोन जैसी महामारी से निपटने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। मीटिंग में स्मार्ट सिटी की सीईओ डॉ. गरिमा मित्तल, डीसीपी नितीश अग्रवाल, अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर सिंह मान, एसडीएम फरीदाबाद परमजीत चहल, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोक चंद, एचएसवीपी के इस्टेट आफिसर अमित कुमार गुलिया, सीएमओ डा. विनय गुप्ता, डिप्टी सीएमओ डा. रामभगत, आईएमए की प्रधान डा. पुनीता हसीजा, ईसीआईसी मेडिकल कॉलेज के डीन डा. असीम दास सहित सभी निजी अस्पतालों के संचालक मौजूद थे।