एनुअल चार्ज न देने पर डीएवी 14 ने छात्रों की रोकी ऑनलाइन क्लास। मंच ने एनसीपीआरसी से की शिकायत।
डीएवी 14 स्कूल ने पेरेंट द्वारा पिछला और नया एनुअल चार्ज न देने पर बच्चों का रिपोर्ट कार्ड रोकने के बाद अब उनकी ऑनलाइन क्लास भी बंद कर दी है। स्कूल के अभिभावक दीपक,नवीन, डिंपल,योगेश,मोहिंदर, मनीष सिंह, कुक्कू, प्राची, हेतराम,अनुराग,अमरीष आदि ने इस मनमानी पर स्कूल प्रिंसिपल को पत्र भेज कर अपना विरोध प्रकट किया है। अभिभावकों ने पत्र की एक प्रति चेयरमैन एफएफआरसी व अभिभावक एकता मंच को भी भेजी है। पेरेंट्स का कहना है कि स्कूल प्रबंधक ने पेरेंटस के पत्र पर उचित कार्रवाई नहीं की तो पेरेंट्स बुधवार को व्यक्तिगत रूप से प्रिंसिपल से मिलकर अपनी बात रखेंगे। उधर हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने भी स्कूल प्रिंसिपल को पत्र लिखकर स्कूल के नियम विरुद्ध कार्य को रोकने, सभी बच्चों को रिपोर्ट कार्ड देकर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट करके उनकी ऑनलाइन क्लास जारी रखने को कहा है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है पत्र की प्रति चेयरमैन राष्ट्रीय बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग एनसीपीआरसी नई दिल्ली व चेयरमैन एफएफआरसी को भी भेज कर स्कूल की मनमानी पर स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई करने और पेरेंट्स को रिपोर्ट कार्ड दिलवाने, उनको अगली कक्षा में प्रमोट कराने और उनकी ऑनलाइन क्लास शुरू करवाने की अपील की है।
मंच ने चेयरमैन एनसीपीआरसी व एफएफआरसी को यह भी अवगत कराया है कि डीएवी 14 अपने पेरेंट्स से जबरदस्ती आगे बढ़ी हुई फीस व फंड्स देने और स्कूल के सभी नियम कानूनों को मानने का कंसेंट फॉर्म भरवा रहा है जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस पर भी उचित कार्रवाई की जाए।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओ पी शर्मा ने कहा है कि सभी स्कूल प्रबंधक यह तर्क देकर एनुअल चार्ज व अन्य फंडों में राशि पेरेंटस से मांग रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय ने उसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है कि स्कूल प्रबंधक सब प्रकार की फीस ले सकते हैं। इस बारे मे अभी तक हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने कोई भी ऐसा आदेश नहीं निकाला है कि स्कूल प्रबंधक ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्ज व अन्य फंड्स में राशि ले सकते हैं। मंच ने कहा है कि जब तक कोई भी आदेश नहीं निकाला जाता है तब तक स्कूल प्रबंधक किसी भी तरह से अपने पेरेंट्स पर ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी फंडों में फीस देने के लिए दबाव ना डालें और ना किसी का रिपोर्ट कार्ड रोकें और सभी बच्चों को अगली क्लास में प्रमोट करें और ऑनलाइन क्लास जारी रखें। मंच ने अभिभावकों से भी कहा है कि वे स्कूल प्रबंधकों की मनमानी का बिना किसी डर के विरोध करें और स्कूल प्रबंधकों से उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग द्वारा निकाले गए आदेश की प्रति मांगे।