एमएसएमई सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है। बीएस गुप्ता
फरीदाबाद। बैंक ऑफ बड़ौदा के डीजीएम नेटवर्किंग श्री बीएस गुप्ता ने कहा है कि एमएसएमई सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीड की हड्डी है और जब हम रोजगार व राजस्व की बात करते हैं तो यही सेक्टर सबसे अग्रणी स्त्रोत है। यहां मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद की मासिक बैठक में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने सदैव एमएसएमई सेक्टर को राहत व प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं आरंभ की हैं, जिनका लाभ एमएसएमई सेक्टर को उठाना चाहिए।
आपने कहा कि पिछले 2 वर्ष में कोविड-19 के कारण काफी नुकसान व चुनौतियों का सामना एमएसएमई सेक्टर को करना पड़ा, जिससे बैंक भी भलीभांति परिचित है।
श्री गुप्ता ने बताया कि उद्योगों के लिए कोविड-19 हेल्पलाइन आरंभ करने का श्रेय बैंक ऑफ बड़ौदा को ही जाता है और इसके साथ ही 10% आउटस्टैंडिंग की लिमिट की प्रक्रिया हमने ही शुरू की, बाद में सरकार ने इसे क्रियान्वित किया, और 10% 20% और 30% की दर से टर्म लोन दिया जा रहा है, जिससे एमएसएमई सेक्टर को काफी मदद मिली।
श्री गुप्ता ने कहा कि जो उद्योग दूसरे बैंक में भी खाता चला रहे हैं वह भी बैंक ऑफ बड़ौदा की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। आपने कहा कि बैंक का पार्ट बिजनेस को सुरक्षित रखना है और चूंकि वे स्वयं एक बिजनेस परिवार से संबंधित हैं इसलिए उनकी यह प्रैक्टिकल सोच है कि उद्योगों को कैपिटल और रनिंग कास्ट के लिए जो खर्चे चाहिए, उसकी पूर्ति की जाए तो इससे एमएसएमई सेक्टर को काफी राहत व प्रोत्साहन मिलता है।
आपने बताया कि एमएसएमई सेक्टर के लिए टर्म लोन व अन्य सुविधाओं के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा कार्यरत है और यदि 15 से 20 दिनों में सैंक्शन नहीं मिल पाता तो इसके लिए उनसे संपर्क किया जा सकता है।
श्री गुप्ता ने कहा कि आरबीआई की के दिशा निर्देशानुसार कागजी कार्रवाई आवश्यक है, परंतु बैंक ऑफ बड़ौदा का मानना है कि अनावश्यक कागजी कार्रवाई से बचा जा सके। आपने कम ब्याज दरों के संबंध में भी कई जानकारियां उपस्थितजनों को दी।
इससे पूर्व मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के प्रधान श्री सुखदेव सिंह ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि कोविड के कारण जहां चुनौतियां बड़ी है, वही हमें अवसर भी मिले। आपने कहा कि उद्योगों को कई जरूरतों को अपनी कार्यप्रणाली का हिस्सा बनाना होगा। श्री सुखदेव सिंह ने कहा कि वर्तमान में यदि जनरेटर सेट चलाने की अनुमति नहीं है, ऐसे में यदि उनके केबल ही अलग कर दिया जाए तो एक बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है।
सरदार सुखदेव सिंह ने कहा कि आज बैंकिंग पहले की तरह नहीं रही पहले बैंक अधिकारी उपभोक्ताओं को प्रत्येक प्रकार का सहयोग देते देते थे परंतु आजआरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार कार्य किया जा रहा है, एनपीए तो कंप्यूटर ही निर्धारित कर देता है, जिससे एमएसएमई सेक्टर की ग्रोथ रुक जाती है।
एमएएफ द्वारा बनाए गए पैनलों का जिक्र करते हुए सरदार सुखदेव सिंह ने कहा कि पैनल्स का लाभ तभी उठाया जा सकता है जब इससे संबंधित समस्याएं विशेषज्ञों के समक्ष रखी जाएं। सरदार सुखदेव सिंह ने सोलर एनर्जी पर विचार व्यक्त करते कहा कि सोलर प्रक्रिया महंगी है ऐसे में ऐसी योजना जरूरी है जिससे सस्ता व सुलभ कनेक्शन उद्योगों को मिल सके।
एसोसिएशन के संरक्षक एवं पूर्व प्रधान नवदीप चावला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में कंप्लायंसेज को उद्योगों की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया जाना चाहिए। आपने कहा कि एमएसएमई का भारत में सबसे अधिक स्कोप है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत की और जिस प्रकार देश को बढ़ा रहे हैं उसे एमएसएमई सेक्टर को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। श्री चावला ने कहा कि चीन से सस्ते के लालच में उत्पादन का आयात किया जाता रहा परंतु आज हालात बदले हैं और भारतीय एमएसएमई सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।सरकार द्वारा घोषित विभिन्न योजनाओं के संबंध में जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री चावला ने कहा कि प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव की योजना वास्तव में फार्मा इंडस्ट्री और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए काफी महत्वपूर्ण है आवश्यकता इस बात की है कि हम सही जानकारी, सही जागरूकता और स्व विवेक से कार्य करें।
श्री चावला ने कहा कि यूनिट की कॉस्ट को कम करने में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना काफी महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है बशर्ते इसके लिए हमारा डाटा सही हो। आपने कहा कि बैंक से ऋण जिस आवश्यकता के लिए लिया जा रहा है यदि उसी पर खर्च किया जाए तो चुनौतियां अवसर बन सकती हैं। जीएसटी के उदारवादी स्वरूप की चर्चा करते हुए आपने कहा कि पहले कई प्रकार के टैक्स भरने पड़ते थे और उसकी रिटर्न विपदा थी, परंतु जीएसटी में सब कुछ आसान कर दिया है।
इससे पूर्व एसोसिएशन के महासचिव श्री रमणीक प्रभाकर ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि आज बैंकिंग और उद्योगों के बीच दूरी आ गई है। आपने कहा कि कंप्यूटर निर्णय ले रहा है कि एनपीए कौन सा यूनिट है और कौन सा नहीं, जिससे ना केवल बैंक अधिकारी बेबस दिखाई देते हैं, बल्कि उद्योगों के लिए तो स्थिति कई बार काफी खराब हो जाती है। आपने कहा कि बैंक और उद्योगों के बीच विश्वास से ही विकास संभव है।
श्री प्रभाकर ने जानकारी दी कि एमएएफ ने प्रदूषण संबंधी नए आदेशों के संबंध में सीएक्युम के साथ बैठक की है और इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारियों से भी भेंट कर उद्योगों को राहत देने का आग्रह किया गया है।
श्री प्रभाकर ने बताया कि एसोसिएशन का प्रदूषण नियंत्रण पैनल इस संबंध में पानीपत, गुड़गांव और पंचकूला जा चुका है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आग्रह किया गया है कि उद्योगों को लेकर उदारवादी निर्णय लिया जाए। आपने कहा कि गैस पर चल रहे हैं युनिटो को छूट प्रदान करने की मांग भी पैनल ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की है।
श्री प्रभाकर ने आने वाले समय में इंडस्ट्रेक एग्जिबिशन के आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि 21 से 23 दिसंबर तक इंडस्ट्रेक एग्जीबिशन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें एमएएफ के सदस्यों को सस्ती दरों पर स्टाल उपलब्ध हो सकेंगे।
इस अवसर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के रीजनल कमेटी के श्री आशीष यादव ने बैंक द्वारा विद्यालयों, आरोग्यधाम, प्रॉपर्टी प्राइस, प्रोफेशनल्स, एसएमई लोन, क्रेडिट कार्ड व अन्य सुविधाओं से संबंधित जानकारी एक प्रेजेंटेशन द्वारा श्री करण सिंह के साथ दी।
टाटा सोलर एनर्जी से सुश्री नीना घई, आरएसपी नाइट पेट्रोलिंग से गोपाल रावल ने भी अपनी सेवाओं के संबंध में जानकारी दी
जीएसटी पैनल के श्री राम जी ने बताया कि 1 जनवरी से गुड्स एक्सचेंज व गुड्स मूविंग संबंधी कानूनों में काफी परिवर्तन हो रहा है जिस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। इनकम टैक्स पैनल के श्री जैन ने एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट को भरने से पूर्व उसकी पूर्ण स्थिति पर ध्यान देने का आह्वान किया। प्रदूषण नियंत्रण पैनल के श्री विनोद गर्ग ने जैंनसैट संबंधी नए आदेशों से संबंधित जानकारी दी। फाइनेंशियल कंसलटेंट सीडीसी गर्ग ने भी बिना कलेक्टर सिक्योरिटी के ऋण संबंधी योजनाओं के संबंध में बताया। धन्यवाद प्रस्ताव एसोसिएशन के पूर्व प्रधान श्री नरेश वर्मा ने प्रस्तुत किया।
मीटिंग में डी. सी.गर्ग, बी.बी.भल्ला, कृष्ण कुमार , सुनील सचदेवा, मोहिंदर पाल, पारुल रतरा, तेजीश प्रभाकर, गगन धीमान, प्रीति जैन, रवि खिंदरिया, प्रवीण कुमार, आनंद भाटिया, राजेश ढल, पी. एल.जुनेजा, चिराग भल्ला, रजत सहगल, पुष्पेंद्र सिंह, नीरज जैन, वी के गुप्ता, अनिल वोहरा, मोहन मुकुट शर्मा , माणिक सचदेवा, प्रदीप सेठी, ओ पी कंबोज, वी के जैन, एस के ग्रोवर, सुनील मंगला, आई एस भट्टी, सी एल जैन नरेंद्र कांग, अनिल सचदेवा, राम लक्ष्य , संदीप चौहान, जगत मदान, अश्वनी शर्मा, बबलू धीमान,आदि सम्मलित थे।