औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने उद्योग प्रबंधकों के समक्ष आ रही समस्याओं से निपटने के लिए ‘संवाद से समाधान’ विषय पर विशेष ओपन हाउस कार्यक्रम का आयोजन किया।
फरीदाबाद। प्रमुख औद्योगिक संगठन आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने कोरोना वायरस के कारण उद्योग प्रबंधकों के समक्ष आ रही समस्याओं से निपटने के लिए ‘संवाद से समाधान’ विषय पर एक नई सीरीज आरंभ की है। गत दिवस इस सीरीज के तहत आयोजित एक विशेष ओपन हाउस में 250 से अधिक उद्योग प्रबंधकों ने सिडबी के महाप्रबंधक श्री एस एस आचार्य, सीएस डॉ अजय गर्ग, सीए श्री आर के खंडेलवाल, सुनील पांडे के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा। सैशन मोडरेटर आई एम एसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला रहे। उद्योग प्रबंधकों ने जहां वित्त से संबंधित अपनी समस्याओं को रखा वहीं उत्पादकता तथा भावी प्लानिंग के संबंध में विचार विमर्श किया गया। उद्योग प्रबंधकों से रूबरू होते हुए सिडबी के महाप्रबंधक डॉ एस एस आचार्य ने कहा है कि आज समय प्रतिस्पर्धा का नहीं बल्कि सहयोग का है और यही सफलता का ऐसा मंत्र है जिससे हम मौजूदा परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। डॉ आचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने एमएसएमई सेक्टर को प्रोत्साहन व राहत देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं जिनमें सिडबी भी एक पार्टनर है। डॉ आचार्य ने बताया कि नए परिवेश में सैनिटाइजर मास्क, व स्टार्टअप के लिए सिडबी द्वारा विशेष रुप से प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसकी अधिकतम सीमा राशि 50 लाख रुपए है। सिडबी एमएसएमई सेक्टर को 5% से 8% तक की ब्याज दर पर वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है, यही नहीं एनबीएफसी के लिए 15000 करोड रुपए का प्रावधान केंद्र सरकार द्वारा किया गया है, यही नहीं सबोर्डिनेट फंड के तहत स्ट्रेस्ड एमएसएमई को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया जाएगा। एमएसएमई इकाइयों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता की जानकारी देते हुए डॉ आचार्य ने बताया कि इसके लिए कुल 4 वर्ष का समय निर्धारित किया गया है, जिसमें पहला वर्ष मोरटोरियम का होगा जिसमें केवल ब्याज ही लिया जाएगा। जानकारी दी गई कि सिडबी के प्लेटफार्म पर ऋण संबंधी निर्णय 48 घंटे में डिस्बर्स करने की नीति तैयार की है।
आई एम एसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने कहा कि कोविड-19 के कारण उद्योग प्रबंधकों को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। श्री चावला ने बताया कि संवाद से समाधान सीरीज के तहत उद्योग प्रबंधकों को जानकारी दी जाएगी कि किस प्रकार वे इन चुनौतियों का सामना प्रभावी रूप से कर सकें। आपने सीरीज के पहले सेशन की सफलता पर अपने विचार व्यक्त करते कहा कि जिस प्रकार वित्त, सिडबी, जीएसटी, आयकर, एडवांस टैक्स, मिनिमम टैक्स इत्यादि पर समस्याओं को रखा गया और उनका समाधान सामने आया वह निश्चित रूप से सराहनीय है और सीरीज के अगले अध्याय में भी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे ऐसा विश्वास व्यक्त किया जा सकता है।
श्री चावला ने सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए राष्ट्रीय चरित्र को बनाए रखने, बैंकों से लोन लेने से पूर्व उनके एम एल सी आर के स्टेटस व मार्जन पर ध्यान देने का सुझाव भी दिया।
सीएस डॉ अजय गर्ग ने जीएसटी सहित अन्य करो में हुए परिवर्तन तथा इस संबंध में एमएसएमई सेक्टर को मिली सुविधाओं की जानकारी दी। सीए व वित्तीय विशेषज्ञ श्री सुनील पांडे ने अपनी प्रेजेंटेशन में क्रेडिट लाइन तथा फंड के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री पांडे ने कहा कि उद्योगों में सभी क्षेत्रों में बी टीम की प्लानिंग करनी जरूरी है ताकि किसी भी स्थिति में काम का नुकसान ना हो।चार्टर्ड अकाउंटेंट श्री आरके खंडेलवाल ने मिनिमम एडवांस टैक्स तथा बैलेंस शीट से संबंधित कई जानकारियां उपस्थितजनों को दी। आपने कहा कि एडवांस टैक्स ना देने की दिशा में पेनल्टी का प्रावधान है ऐसे में एडवांस टैक्स को देना ही हितकर है।