कोरोना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन में वर्क फ्रॉम होम के लोड के कारण क्या इंटरनेट बंद हो सकते है ?
कोरोना वायरस के बाद लगे लॉक डाउन के कारण लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं अब उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह अपने आप को एक घर में कैद रहते हुए पूरा दिन कैसे व्यतीत करें ऐसे में लोगों के लिए मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन इंटरनेट साबित हो रहा है इंटरनेट सेवा कंपनियों का कहना है कि इंटरनेट यूजर अचानक ही 80% से अधिक इंटरनेट यूज कर रहे हैं और इंटरनेट की स्पीड भी काफी स्लो हो गई है वही ज्यादातर लोग घर से ही work home को अटेंड कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार और इंटरनेट कंपनियां जैसे फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब अन्य कई सोशल साइट अपनी स्पीड को स्लो कर सकती है। इंटरनेट का इस्तेमाल अधिक वीडियो स्ट्रीमिंग और वीडियो गेम्स खेलने में कर रहे हैं. इंटरनेट पर वीडियो स्ट्रीमिंग होने से नेट स्लो हो सकता है और वर्क फ्रॉम होम कर रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनियों ने कहा है कि हम इंटरनेट की अच्छी सर्विस के लिए हम कदम उठा रहे हैं. अभी तक नेटवर्क की आवश्यकताओं का सामना करने में हम सक्षम रहे हैं.लेकिन क्या वास्तव में वर्क फ्रॉम होम की वजह से इंटरनेट पर लोड पड़ेगा और इंटरनेट स्लो हो जाएगा.भारत में लोग पिछले डेढ़ हफ्ते से इंटरनेट का उपयोग कैसे कर रहे हैं। घर से काम करने वाले अधिक लोगों का मतलब इंटरनेट से वीडियो स्ट्रीमिंग करने वाले और सामान्य रूप से अधिक डेटा का उपयोग करने वाले लोगों से भी है।बढ़ती मांग के जवाब में कंपनियां यह भी कह रही हैं कि वे बैंडविड्थ उपयोग को कम करने के लिए कदम उठाएंगे. नेटफ्लिक्स ने बैंडविड्थ उपयोग को 25 प्रतिशत तक कम करने पर सहमति व्यक्त की और अन्य भारतीय सेवाओं ने भी कहा कि वे इसी तरह के कदम उठाएंगे. हॉटस्टार ने कहा कि हमारे ज्यादातर यूजर्स हाईडेफिनेशन का यूज नहीं करते हैं.फेसबुक इंडिया ने एक बयान भी जारी किया है कि यह फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों पर वीडियो के लिए बिट दर को कम कर रहा है, आप यह देखना है कि आने वाले समय में जिस तरह से लॉक डाउन का असर अगर लंबा रहता है। तो क्या इंटरनेट कंपनियां हाथ खड़े कर सकती है ?