कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों को हो रही है ब्लैक फंगस नाम की बीमारी । क्या करे क्या न करे

कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों को ब्लैक फंगस नाम की बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लगने लगी है। कोरोना संक्रमण होने के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है, जिसके चलते ब्लैक फंगस की बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। समय पर इलाज न मिलने के कारण यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग भी बीमारी को लेकर सतर्क है। पिछले कुछ दिनों के दौरान ही जिले के अलग – अलग अस्पतालों में इस बीमारे के 12 से 15 मरीज सामने आ गए हैं।
कोविड 19 के चलते बढ़ गई है समस्या
सर्वोदय अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ रवि भाटिया ने बताया कि ब्लैक फंगस कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन कोरोना संक्रमण से इसे काफी खतरनाक बना दिया है। ब्लैक फंगस नाक व आंख के रास्ते दिमाग तक पहुंच जाती है और जानलेवा साबित हो सकती है। कई बार मरीज को पूरी तरह से दिखना बंद हो जाता है। इसलिए समय पर इसकी पहचान कर डॉक्टरों को दिखाना जरूरी होता है। कोरोना के कारण इम्यूनिटी कमजोर होने से इस बीमारी का खतरा अधिक हो गया है। जो लोग अधिक स्टॉराइड लेते हैं व शुगर के मरीज हैं, उन्हें अधिक सर्तक रहने की जरूरत है। फिलहाल देखने में मिल रहा है कि बहुत से कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में और वहां पर ऑक्सिजन ले रहे हैं। ऑक्सिजन की पाइप आदि साफ न होने से उन्हें भी फंगस होने का खतरा अधिक रहता है। आंखों में जलन व लाली आना, नाक में सूजन व गंदगी आना, सर दर्द, चहरे का सुन्न पड़ना, छाती में दर्द आदि इसके लक्षण हैं।
कोरोना से ठीक होने के बाद डाॅक्टर को जरूर दिखाएं
एशियन अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ स्वप्निल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों को बीमारी से सर्तक रहने की जरूरत है। कोरोना से ठीक होने के बाद 10 से 15 दिनों में इसके लक्षण देखने को मिलते हैं। इसलिए अगर कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर को ओपीडी में जाकर ही दिखाएं ताकि जरूरी जांच कर फंगस की पहचान हो सके। जिन लोगों को शुगर आदि की समस्या है, उन्हें तो कोरोना से ठीक होकर ईएनटी को जरूर दिखाना चाहिए। शुरूआत में ही पहचान होने पर बीमारी को दवा व ऑपरेशन आदि से ठीक किया जा सकता है, लेकिन बीमारी गंभीर होने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
– अपने शुगर को नियंत्रित रखें
– शुरूआती लक्षणों पर नजर बनाए रखें
– घर पर ऑक्सिजन ले रहे हैं, तो पाइप आदि की सफाई का खास ध्यान रखें
– इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाएं लेते रहें
सतर्क है विभाग
बीके अस्पताल की पीएमओ डॉ सविता ने बताया कि ब्लैक फंगस को लेकर फिलहाल कोई स्पेशल गाइडलाइन नहीं आई है, लेकिन हम इसे लेकर सतर्क है। बीमारी के बारे में लगातार अपडेट लिया जा रहा है। सिविल अस्पताल में भी अगर कोई मरीज आता है, तो उसके इलाज की व्यवस्था है।