जिंदगी व मौत के बीच जूझते व्यक्ति को नया जीवन देता है रक्तदान। पुलिस आयुक्त
Citymirrors-news-हरियाणा पुलिस -सप्ताह उत्सव के चौथे दिन आज पुलिस लाईन सेक्टर 30 में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पुलिस कर्मचारी रक्तदान करने के लिए सुबह 9 बजे पहुंचना शुरू हो गए थे जो यह प्रोग्राम 2 बजे तक चला ।
डॉक्टर अर्पित जैन डीसीपी एनआईटी ने रक्तदान कर रहे पुलिस कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हुए भविष्य में भी इस तरह के पुनीत कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रविंद्र सिंह तोमर एसीपी हेड क्वार्टर द्वारा की गई। शिविर में रैडक्रास सोसायटी दवारा अपनी सेवाए दी गई।
रक्तदान के लिए पहुंचे पुलिस कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डीसीपी एनआईटी ने कहा कि रक्तदान मतलब जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी बेहद सख्त है और उन्हें दुर्घटना के समय मौके पर तुरंत पहुंचना पड़ता है। ऐसे में उन्हें इस बात का स्वयं पता है कि रक्त के अभाव में कैसे एक व्यक्ति अपनी जान से हाथ धो बैठता है।
पुलिस कर्मचारियों को भी रक्तदान जैसे सामाजिक कार्यों के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से जहां शरीर स्वस्थ रहता है वहीं कर्मचारियों में नए जोश का भी संचार होता है। पुलिस कर्मचारियों को रक्तदान के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।
पुलिस प्रवक्ता सुबे सिंह ने बताया कि रक्तदान करने के लिए मुझेसर थाना प्रबंधक सन्दीप, ओएसआई एनआईटी नीरज, सीआईए बडकल प्रभारी विमल महिला थाना सेक्टर 16 प्रभारी सुनीता कांता एवं पुलिस लाइन ऑफिसर सुखबीर सिंह ,टी एसआई हरविंदर सहित अनेक पुलिसकर्मियों ने रक्तदान में हिस्सा लिया।
पुलिस सप्ताह के तीसरे दिन एसीपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन श्रीमती धारणा यादव के मार्गदर्शन में सभी थाना प्रबंधक द्वारा स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं को महिला विरुद्ध अपराध के बारे में जागरूक किया गया था