Citymirrors-news-फरीदाबाद। सिडबी के महाप्रबन्धक डा. एस. एस. आचार्य ने कहा है कि वित्त व इन्फ्रास्ट्रक्चर औद्योगिक परिवेश में सबसे आवश्यक पहलू हैं और इस संबंध में उद्योगों से संबंधित विभाग व संस्थान तत्परता से अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। डा. आचार्य ने कहा है कि कई बार यह महसूस किया जाता है कि जागरूकता के अभाव के चलते नीतियों को प्रभावी रूप से क्रियान्वित नहीं किया जा पाता परन्तु इस संबंध में भी औद्योगिक संगठन जिस प्रकार अपनी
भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं वह सराहनीय है।
यहां क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक संगठन डीएलएफ इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित ८वें डीएलएफ बिजिनेस सम्मिट २०१९ में विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए डा. आचार्य ने कहा कि सिडबी औद्योगिक संस्थानों को वित्त संबंधी सुविधा प्रदान करने के लिए अग्रणी है। आपने उद्योग प्रबन्धकों से आहवान किया कि इन सिडबी की योजनाओं को यथा सम्भव
लाभ उठाएं। समिट ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाईनैंसÓ की टीम पर आधारित थी, जिसे एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा के नेतृत्व व एसोसिएशन की गवर्निेग बॉडी के दिशा-निर्देश में अयोजित किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री किशनपाल गूर्जर ने आना था परन्तु संसद सत्र के कारण वे नहीं आ सके।
इससे पूर्व डीएलएफ इन्डस्ट्रीज एसेासिएशन के प्रधान श्री जे पी
मल्होत्रा ने कहा कि वित्त व इन्फ्रास्ट्रक्चर का परस्पर गहन संबंध है।
आपने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि सरकार द्वारा जो योजनाएं बनाई जाती है और जो घोषणाएं की जाती है उन्हें एक निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए। आपने कहा कि अधिकता मामलों में देख गया है कि जो योजनाएं तैयार की जाती है वे एक निर्धारित समय सीमा में पूर्ण नहीं हो पाती जिससे न केवल
उस योजना की लागत बढ़ जाती है बल्कि उससे वे सभी पक्ष भी प्रभावित होते हैं जिन्हें इन योजनाओं के कारण किसी भी रूप में लाभ मिलना होता है।
श्री मल्होत्रा ने लागत, समय पर क्रियान्वयन, न्यूनतम दरों पर वित्त का उपलब्धता, एमएसएमई को फंडस की उपलब्धता, लम्बित भुगतान , श्रम व अन्य सेवाओं की बढ़ती लागत के संबंध में विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि इस संबंध में ठोस व प्रभावी कार्यनीति समय की मांग है। आपने इस संबंध में शीेर्ष संगठनों से भी प्रभावी कार्ययोजना का परिचय देने व संबंधित मांगों
व सुझावों को केन्द्र सरकार तक और अधिक प्रभावी ढंग से पंहुचाने की मांग की। उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए एमएसएमई फैडरेशन आफ इण्डियन चैम्बर्स आफ कामर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज के को-चेयरमैन श्री एच पी कुमार ने डीएलएफ इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा दिए गए सुझावों का मसर्थन करते हुए कहा कि इस संबंध में फिक्की नई दिल्ली को केन्द्र सरकार के समक्ष इन
सुझावों को रखना चाहिए। एनएसआईसी के निदेशक श्री पी उदय कुमार ने एमएसएमई सैक्टर के विकास में एनएसआईसी की भूमिका की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए सरकार की इस
नोडल एजेंसी की योजनाओ को यथा सम्भव लाभ उठाने का आग्रह किया। उपश्रमायुक्त सुश्री सुधा चौधरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रम व प्रबन्धन ही उद्योग की स्थापना व प्रगति के आधार हैं। आपने कहा कि समस्याएं आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। सुश्री चौधरी ने कहा कि वे सदैव परस्पर एकजुट होकर से समाधान की पक्षधर रही हैं और श्रम विभाग भी इस
दिशा में प्रयासरत है।
कोटक महिन्द्रा बैंक के स. इन्द्र मोहन ओबराय ने एमएसएमई सैक्टर के लिए कोटक महिन्द्रा द्वारा जारी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। आपने बताया कि कोटक महिन्द्रा अपने ग्राहकों को सेवा देने के क्षेत्र में अग्रणी वित्तीय संस्थान है जो अपनी समयबद्धता व उच्च मूल्य सेवाओं के के लिए ही जाना जाता है। आपने एमएसएमई सैक्टर से जुड़े लोगों से कोटक
महिन्द्रा से जुडऩे का आहवान् किया।
श्री जे पी मल्होत्रा ने श्री केन्द्रीय मंत्री श्री किशनपाल गूजर्र
का सदेंश पढ़कर सुनाया जो संसद सत्र के कारण समिट में नहीं आ सके।८वीं डीएलएफ बिजनेस समिट में विशिष्ट सेवाओं व उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए सर्वश्री सतीश गौसांई (सिक्योरिको इलैक्ट्रानिक्स), विजय गुप्ता (सिद्ध मास्टरबैचस), तनुज गोयल (एटीएम एक्सपोर्टस), एस सी गुप्ता व पियुष गोयल (गुनो निटस), जगजीत सिंह लाम्बा व तरूण लाम्बा (इम्पीरियल आटो
इन्डस्ट्रीज) को सम्मानित किया गया।
समिट में १७५ से अधिक एमएसएमई सैक्टर के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यकम में सर्वश्री एच के बतरा, टी सी धवन, के के नांगिया, भुपेन्द्र सिंह, विजय राघवन, एस के बतरा, एम एल शर्मा, एस सी गुलाटी, एम एल गोयल, ऋषि अग्रवाल, रवि भूषण खत्री, एम पी रूंगटा, एच एल भुटानी, रवि वासुदेव,
जितेंद्र छाबड़ा
संजय बधावन, योगेश गुप्ता, आर सी खंडेलवाल, अभिनय मित्तल, अजय भुटानी, एस के लूथरा, विशाल मल्होत्रा, ओ पी बागडिय़ा, जे सी अहलावत, मोहिन्द्र मेहतानी सहित बैंकों, सिडबी, एनएसआईसी अधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इस अवसर पर समिट सोविनियर भी जारी किया गया। कार्यक्रम में सर्वश्री डा. एच पी कुमार, डा. एस एस आचार्य, पी उदयकुमार और एच के बतरा का विशेष रूप से स्वागत भी किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव एसोसिएशन के महासचिव श्री विजय आर राघवन ने प्रस्तुत किया। डीएलएफ इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन की १७वीं वार्षिक आम सभा के साथ आयोजित यह समिट अपने आप में एक अद्वितीय प्रदर्शन रहा जिसकी सभी उपस्थितजनों ने सराहना की और एसोसिएशन के प्रधान श्री जे पी मल्होत्रा व उनकी टीम को इसके लिए बधाई भी दी।