हमले के विरोध में देश भर के डॉक्टर 22 अप्रैल को वाइट अलर्ट और 23 अप्रैल को काली पट्टी पहनकर काला दिवस मनाएंगे।
आई एम ए के नेशनल हेड क्वार्टर द्वारा 22 अप्रैल को वाइट अलर्ट का आह्वान किया गया है ,और 23 अप्रैल को काला दिवस मनाने की घोषणा की गई है। आईएमए के नेशनल प्रधान डॉ राजन शर्मा द्वारा दिए गए निर्देशों पर अमल करते हुए, 22 अप्रैल को रात को 9:00 बजे देश के सभी डॉक्टर हॉस्पिटल में मोमबत्ती जलाकर वाइट अलर्ट का पालन करेंगे। इसके बाद 23 अप्रैल को सभी डॉक्टर काली पट्टी पहनकर काम करेंगे और ब्लैक डे मनाएंगे ।
जैसा कि सबको मालूम है कि देश में कोरोना की वजह से महामारी आई हुई है और सभी डॉक्टर अपनी जी जान से अपनी जान की परवाह किए बिना काम में लगे हुए हैं।
और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी बार-बार लोगों से आग्रह किया है कि वह इस बीमारी के खिलाफ काम करने वाले डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कोई भी हिंसा ना करें।
लेकिन इसके बावजूद पिछले कई दिनों में ऐसा देखने में आ रहा है कि डॉक्टरों के विरुद्ध हिंसक मामलों में नहीं कमी नहीं आ रही है।चाहे वह मुरादाबाद हो,इंदौर हो, भोपाल हो ,मेरठ हो या दिल्ली हो।
और अब तो हद ही हो गई जब चेन्नई में एक डॉक्टर की कोरोना से मृत्यु होने पर जब उनकी लाश को दफनाने के लिए उनको कब्रिस्तान नहीं ले जाने दिया और उनके रिश्तेदारों के साथ हिंसा की गई। आईएमए की मांग है की डॉक्टरों के विरुद्ध हिंसा के लिए एक बहुत ही सख्त कानून होना चाहिए और इसे जल्द से जल्द ऑर्डिनेंस के द्वारा लागू किया जाना चाहिए।
माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने पिछले साल एक कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन गृह मंत्रालय ने उसको रिजेक्ट कर दिया ।यह बहुत ही दुख की बात है। हम इस बात को बहुत कड़े तरीके से कहना चाहते हैं।