एनआईटी दशहरे को रखे राजनीति से दूर , प्रशासन सोच विचार कर करें आयोजन कमेटी में शामिल किए जाने वाले लोगों का चयन: आनंदकांत भाटिया
दशहरे को रखे राजनीति से दूर : आनंदकांत भाटिया
प्रशासन सोच विचार कर करें आयोजन कमेटी में शामिल किए जाने वाले लोगों का चयन
फरीदाबाद। दो संस्थाओं का विवाद बताकर एक बार फिर प्रशासन ने अपने हाथ में एनआईटी फरीदाबाद का दशहरा मनाने का जिम्मा ले लिया है। ऐसे में बडख़ल निगरानी समिति के प्रमुख आनंदकांत भाटिया ने स्पष्ट तौर पर एनआईटी फरीदाबाद के दशहरे को राजनीति का शिकार बताया है। उनका मानना है कि यह दशहरा किसी भी कीमत पर विवादित बताना गलत है क्योंकि पूर्व में जिन दो संस्थाओं के बीच विवाद गहराता चला आया था, उनमें से एक संस्था फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन का कार्यालय फरीदाबाद नगर निगम द्वारा ही दिनांक 3-3-2021 को कब्जा मुक्त करवा लिया गया था। तत्पश्चात डेढ़ साल की मशक्कत के बाद अंतत: दिनांक 7-9-2022 को जिला रजिस्ट्रार कार्यालय से एक पत्र स्टेट रजिस्ट्रार के पास यह मानते हुए प्रेषित करवाया गया है कि उक्त संस्था द्वारा कई वर्षाे से संस्था का लाखों रूपए का हिसाब-किताब किसी भी सरकारी संस्थान को प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिला रजिस्ट्रार की माने तो संस्था के पंजीकरण के समय ही अपूर्ण अथवा गलत दस्तावेजों के आधार पर संस्था का पंजीकरण करवाया गया था। इसके अलावा दिनांक 5-3-2021 को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए तत्कालीन अतिरिक्त निगमायुक्त एवं मुख्य नगर योजनाकार ने निगमायुक्त को संस्था के प्रधान जोगेंद्र चावला के सील तोड़कर इस कार्यालय पर कब्जा करने, अवैध निर्माण खड़े करने और सरकारी अनुदान का इस्तेमाल करना बताते हुए अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय से भी इस बारे तस्दीक करने की सिफारिश की थी। इसके अतिरिक्त कब्जाधारियों के खिलाफ नगर निगम अधिनियम के सेक्शन 408(1) के अंतर्गत कार्यवाही करने की अनुशंसा भी की गई थी।
भाटिया ने कहा कि जिस प्रशासनिक इकाई द्वारा स्वयं जांच करते हुए अपने कब्जाए भूखंड को हासिल किया गया, उपायुक्त कार्यालय जिन्हें संस्था द्वारा लाखों रूपए प्राप्त अनुदान का हिसाब नहीं दिया गया, जिनके खिलाफ दिनांक 26-2-2021 को तत्कालीन संयुक्त आयुक्त टाऊन ने एसजीएम नगर थाने में संस्था के पदाधिकारियों के खिलाफ धारा 188 और 447 आईपीसी के तहत कब्जा करने और अवैध निर्माण करने के चलते प्राथमिकीदर्ज करने के लिए लिखा था।
भाटिया का आगे मानना है कि जैसा कि सूत्रों से ज्ञात हो रहा है कि प्रशासन द्वारा दशहरा मनाने के लिए किसी एक कमेटी का गठन किया जा रहा है,उन्होंने शंका जताई कि यकीनी तौर पर इस कमेटी में उन लोगों को भी शामिल किया जा रहा है, जो उपरोक्त इस संस्था से संबंध रखते है और कि पूर्व में किए गए अवैध व अनैतिक कार्याे के जिम्मेदार है। यदि उन्हें दशहरा मनाने के लिए उस कमेटी का हिस्सा बनाया जाता है तो इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा होगी क्योंकि आज तक इन लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही न होने के पीछे भी यही लोग उन्हीं का हाथ होना बताते चले आ रहे है। उनके द्वारा कभी भी किसी अन्य की बात को नहीं सुना गया है। उनकी इस मनमानी का खमियाजा यकीनन आने वाले समय में पार्टी को भुगतना पड़ सकता है, जिसको लेकर वह पार्टी के आला नेताओं को पत्र लिखकर भी अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि दशहरा हमारे समाज का महत्वपूर्ण त्यौहार रहा है और इसे मनाने का कार्य भी हमारी संस्थाओं द्वारा किया जाता रहा है, ऐसे में उस प्रशासन को बार-बार बीच में डालना गलत होगा, जो पैसों की कमियों के चलते अपने दायित्व को ही नहीं निभा पा रहा है।