नकली सोने के सिक्के बेचकर धोखाधड़ी के दूसरे मुकदमे में क्राइम ब्रांच एनआईटी ने सिक्के बनाने वाले आरोपी सुनार को किया गिरफ्तार।
डॉक्टर को असली के बदले नकली सोने के सिक्के बेचकर धोखाधड़ी के दूसरे मुकदमे में क्राइम ब्रांच एनआईटी ने नकली सिक्के बनाने वाले आरोपी सुनार को किया गिरफ्तार, एक ही परिवार के है पांच आरोपियों को पहले ही किया जा चुका है काबू
आरोपियों के कब्जे से 17.700 किलोग्राम नकली सोने के सिक्के, सिक्के बनाने की मशीन, 21 मोबाइल फोन सहित 51 लाख रु नकद बरामद
फरीदाबाद- पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा के दिशा निर्देश एवं डीसीपी क्राइम श्री नरेन्द्र कादयान के मार्गदर्शन और एसीपी क्राइम सुरेंद्र स्योराण के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच एनआईटी प्रभारी नरेन्द्र कुमार की टीम ने असली के नाम पर नकली सोने के सिक्के बेचने के मुकदमे में सोने के नकली सिक्के बनाने वाले आरोपी सुनार को गिरफ्तार किया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी सुनार का नाम अर्पित है जो आगरा का रहने वाला है। क्राइम ब्रांच द्वारा इससे पहले गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी एक ही परिवार के है जिसमे आरोपी पन्ना लाला और उसकी पत्नी रमा तथा पुत्र धर्मेन्द्र, राजन व नितिन का नाम शामिल है। आरोपियों ने फरीदाबाद में 2 डॉक्टर के साथ असली के नाम पर नकली सिक्के बेचकर 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था जिसमें आरोपियों ने ग्रीन फील्ड के रहने वाले डॉक्टर निशांत तथा सेक्टर 31 के रहने वाले डॉक्टर निखिल को अपना निशाना बनाया था।
दिनांक 28 जून 2022 को फरीदाबाद की ग्रीन फील्ड कॉलोनी के रहने वाले डॉक्टर निशांत ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं और ग्रीन फील्ड कॉलोनी में अपना क्लीनिक चलाते हैं। दिनांक 8 फरवरी 2022 को एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ इलाज के लिए उनके पास आया था। इलाज के दौरान उसके परिजनों ने बताया कि उन्हें पैसों की सख्त जरूरत है और वह पैसों के बदले उन्हें सोने के सिक्के दे सकते हैं जो उनके पुरखों को खेत में खुदाई के वक्त मिले थे। आरोपियों ने कम पैसों में ज्यादा सोने के सिक्के देने का लालच दिया और सैंपल के तौर पर पीड़ित डॉक्टर को कुछ सिक्के दे दिए जिसे सुनार से चेक करवाने पर वह सोने के सिक्के असली पाए गए जिससे पीड़ित को ठगों पर विश्वास हो गया। इसके लगभग 20 दिन पश्चात आरोपियों की पीड़ित से फिर बातचीत हुई और जब उन्होंने पीड़ित को सिक्के खरीदने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास करीब 40 लाख रुपए का इंतजाम है और वह इससे सोने के सिक्के खरीद लेंगे। इसके पश्चात दिनांक 2 मार्च 2022 को पीड़ित डॉक्टर को आरोपियों ने पैसे लेकर नोएडा बुलाया और 40 लाख रुपए लेकर उसके बदले में उन्हें 01 किलोग्राम सोने के सिक्के दे दिए। डॉक्टर ने जब सुनार के पास पहुंचकर सिक्कों की जांच करवाई तो पता चला कि सारे सिक्के नकली है।
आरोपियों ने इसी प्रकार डॉक्टर निखिल को अपना शिकार बनाया और उसे तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन पर बुलाकर उसे भी सोने के नकली सिक्के देकर उससे 40 लाख रुपए की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित ने इसके पश्चात काफी समय तक आरोपियों की अपने तौर पर तलाश की परंतु जब उनका कोई सुराग नहीं लगा तो पीड़ित निशांत ने 28 जून को पुलिस थाना सूरजकुंड तथा पीड़ित निखिल ने 16 जुलाई 2022 को इसकी शिकायत पुलिस थाना सेक्टर 31 में दी जिसके आधार पर थाने में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की गई।
पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने मामले में जल्द से जल्द आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश दिए जिसके पश्चात पुलिस उपायुक्त नरेंद्र कादयान के मार्गदर्शन में क्राइम ब्रांच प्रभारी नरेंद्र कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस जांच के दौरान क्राइम ब्रांच एनआईटी ने गुप्त सूत्रों, सीसीटीवी फुटेज तथा तकनीकी के माध्यम से मामले में शामिल पांच आरोपियों को दिनांक 14 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से आरोपी पन्नालाल तथा उसके बेटे धर्मेंद्र को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया तथा बाकी अन्य आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि यह परिवार लगभग 20 वर्ष से अलग-अलग राज्यों में इसी प्रकार की वारदातों को अंजाम दे रहा है जिसकी जांच की जा रही है। आरोपियों ने फरीदाबाद के डॉक्टर निखिल के साथ की गई धोखाधड़ी की वारदात के बारे में पुलिस को जानकारी दी जिसके पश्चात आरोपियों के कब्जे से नकली सोने के सिक्के और नकदी बरामद की गई। आरोपियों की निशानदेही पर नकली सोने के सिक्के बनाने वाले आरोपी सुनार अर्पित को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। आरोपी को अदालत में पेश करके 1 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया जिसमें पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सुनार का पिता आरोपी पन्नालाल का दोस्त था जिससे पन्ना लाल आभूषण बनाता था। वर्ष 2012 में आरोपी सुनार के पिता की मृत्यु हो गई जिसके पश्चात उसका कामकाज अर्पित संभालने लगा। आरोपी पन्नालाल ने अर्पित को अपने साथ धोखाधड़ी के धंधे में शामिल कर लिया और उससे नकली सोने के सिक्के बनवाने लगा। आरोपियों के कब्जे से अब तक 17.700 किलोग्राम नकली सोने के सिक्के, सिक्के बनाने की मशीन, 21 मोबाइल फोन सहित 51 लाख रु नकद बरामद किए गए हैं। पूछताछ पूरी होने के पश्चात सभी आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।