Citymirrors.in-धूर-विरोधी बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए है। एक तरफ जहां बीजेपी उम्मीदवार मौजूदा सांसद कृष्णपाल गुर्जर धुआंधार प्रचार करने में लगे हुए है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तिगांव से विधायक ललित नागर अभी एक तरफ जहां रुठों को मनाने में लगे हुए है। वहीं एक एक कांग्रेसी नेता के घर जाकर माहौल अपने पक्ष में बनाने में लगे हुए है। मीडिया में आ रही खबरों के बाद अब तक जो कांग्रेसी नेता घर में शांत बैठ चुके थे। वहीं अब मीडिया में बयान दे रहे है। और कांग्रेसी उम्मीदवार ललित नागर को कमजोर करने का काम कर रहे है। कांग्रेसी की आपसी गुट का फायदा बीजेपी के जीत को और पक्का करता जा रहा है। सांसद कृष्णपाल गुर्जर रोजाना जहां अलग अलग क्षेत्रों में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे है। वहीं ललित नागर अपनों के बीच फंसते नजर आ रहे है। एक तरफ पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप के बेटे एवं युवा कांग्रेस नेता विजय प्रताप के खुले मंच से विरोध के बाद पार्टी के टिकट वितरण से नाराज होकर ललित नागर के खिलाफ बगावत करते दिखाई दे रहे है। वहीं पलवल के विधायक एवं पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल में भी टिकट वितरण को लेकर खासा गुस्सा है। वहीं विजय प्रताप भी इस मसले को लेकर इस कदर गुस्सा है कि उन्होंने यहां तक कह दिया है कि जब ऐसे ही उम्मीदवार को सामने प्रकट करना था तो पूर्व सीएम व समन्वय समिति का गठन करने का ड्रामा क्यों किया गया। विजय प्रताप इसे अपने परिवार की राजनैतिक प्रतिष्ठा से जानबूझकर खिलवाड़ मान रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने भी पूर्व सीएम हुड्डा व कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर के खिलाफ खुले मंच से नाराजगी शुरु कर दी है।वहीं दलाल समर्थकों का मानना है कि उन्हें भी चुनाव की तैयारी करने के लिए कहकर अचानक टिकट काट दी गई। इससे दलाल के समर्थक भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। टिकट मिलने के बाद दलाल से मुलाकात करने गए कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर को उनकी कोठी से बैरंग लौटना पड़ा है। कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले से अवतार भड़ाना सदमे के सी हालत हो गई हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें टिकट का आश्वासन देकर अपनी पार्टी में शामिल करवाया था। भड़ाना को पूर्ण विश्वास था कि चाहे किसी को टिकट मिले या ना मिले, मगर उन्हें कांग्रेस फरीदाबाद से चुनाव अवश्य लड़वाएगी। लेकिन मैदान में ललित नागर को अचानक खड़ा कर दिया गया। यही वजह है कि टिकट वितरण के बाद अब तक अवतार भड़ाना सदमें से बाहर नहीं आ पाए है। और आगे की रणनीती बनाने में जुट गए है। कांग्रेस उम्मीदवार ललित नागर को हराने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। दूसरी और बीजेपी उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर चुनाव प्रचार कर रहे है। वहीं बीजेपी कार्यकर्ता कृष्णपाल गुर्जर की इस बार के चुनाव में जीत को 5 लाख से ऊपर मानकर चल रहे है।