पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद आत्मनिर्भर इंडिया में मेक इन इंडिया की बड़ी भूमिका होगी। आशीष जैन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद बुधवार को जिस तरह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज का ब्लू प्रिंट देश के सामने पेश किया है। उसके बाद फरीदाबाद उद्योग जगत काफी गदगद है। औद्योगिक संगठन फरीदाबाद चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव आशीष जैन ने इसे सोने पे सुहागा बताया है। क्यो की कोविड-19 के बाद लॉक डाउन ने जिस तरह इंडस्ट्रीज की कमर तोड़ कर रख दी थी। उसके बाद उद्योग जगत एक बहुत बड़े आर्थिक राहत पैकेज की मांग कर रहा था। महासचिव आशीष जैन ने कहा है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने उद्योगों की परेशानी को समझा और महसूस किया । और उसे अमलीजामा पहनाया। जिस प्रकार माननीय
वित्त मंत्री ने एमएसएमई यानी सुक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योग के लिए 6 बड़े कदम का ऐलान किया है। -MSME क्षेत्र में बिना गारंटी के लोन देने का एलान किया। उससे 2-लाख MSME को फायदा मिलेगा। MSME का दायरा बढ़ाने की बात कही और कहा की 1 करोड़ के निवेश और 5 करोड़ के टर्नओवर तक माइक्रो यूनिट ही रहेगा और MSME का दर्जा और फायदा मिलता रहेगा। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख भी 30 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। जो कि सही फैसला है। आशीष जैन जी ने कहा कि MSMEs के लिए बहुत बड़े ऐलान किए गए है। कर्ज में डूबे लघु उद्योगों को 20 हज़ार करोड़ का कर्ज दिया जायेगा, किसी तरह के गारंटी की ज़रूरत नहीं होगी।निवेश सीमा को बढ़ाई जाएंगी। अगले 45 दिन में MSME के सरकारी उपक्रमों और सरकार के सभी बकाया बिल कलीयर किए जाएंगे।अब 1 करोड़ रुपये के निवेश वाली इकाई को भी सूक्ष्म माना जाएगा, इसी तरह 10 करोड़ के निवेश और 50 करोड़ के टर्न ओवर वाले उत्पादन आधारित उद्योग को लघु उद्योग माना जाएगा। 200 करोड़ तक का टेंडर अब ग्लोबल टेंडर नहीं होगा और आत्मनिर्भर इंडिया में मेक इन इंडिया की बड़ी भूमिका होगी।31 अक्टूबर 2020 तक कोई गारंटी फीस नहीं। इससे 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा। फंड्स ऑफ फंड का ऐलान। अच्छा काम करने वाले एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपए का फंड रखा गया है। एमएसएमई का बिजनेस करना आसान होगा और आत्मनिर्भर भारत अब मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा। कुल मिलाकर केंद्र सरकार का यह कदम सराहनीय है। और देश की सभी औद्योगिक इकाई इसका स्वागत करती है।