पीएम मोदी ने चला मास्टर स्ट्रोक, की 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि लॉकडाउन 4 पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा. उन्होंने कहा कि राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में आर्थिक पैकेज का ऐलान करते हुए लॉकडाउन 4.0 की जानकारी दी है. पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन 4 पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा. उन्होंने कहा कि राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी.
बता दें कि लॉकडाउन 3.0 की अवधि 17 मई को खत्म हो रही है, इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के मंगलवार को एक बार फिर देश के नाम संबोधन से लॉकडाउन के चौथे चरण का ऐलान किया है.
पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. कोरोना वायरस की वजह से विश्वभर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं. सारी दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के सामने थकना, हारना, झुकना मानव को मंजूर नहीं है
2020 में विकास यात्रा को 20 लाख 2020 में आत्म निर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने केलिए इस पैकेज में लैंड लेबर लिक्विडिटी और लॉ ,सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, लघु एंव मझोले उद्योग के लिए है। जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं। जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का आधार है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन का चौथा चरण नए रंग रूप वाला होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह से नए रंगरूप वाला होगा। नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दी जाएगी। नियमों का पालन करतेहुए हम कोरोना से लड़ेंगे भी,आगे भी बढ़ेंगे।
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि ये क्राइसिस अभूतपूर्व है लेकिन थकना, हारना टूटना बिखरना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अबहमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। आज जब दुनिया संकट में हैं। तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियों हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमें कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट केबाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही है।
उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं जब हम दोनों कालखंडों को बभारत के नजरिये से देख रहे हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो ये हमारा सपना ही नहीं हम सभी की जिम्मेदारी भी है। इसका मार्ग क्या हो विश्व की स्थिति यह दिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है। आत्म निर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है। यानि यहीं रास्ता है। आत्म निर्भर भारत।