पुलिस ने किया नजरबंद तो गुस्साए कर्मचारियों ने शुक्रवार को डीसी आफिस पर आक्रोश कर प्रदर्शन कर दिया।
पुलिस द्वारा भारत बन्द में कर्मचारी व किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी करने,नजरबंद व हिरासत में लेने से गुस्साए कर्मचारियों ने शुक्रवार को डीसी आफिस पर आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रर्दशन में आक्रोशित कर्मचारियों ने पुलिस की तानाशाही और दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले आयोजित प्रर्दशन के बाद पुलिस कार्रवाई के खिलाफ डीसी यशपाल यादव को एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित प्रर्दशनों और भारत बंद के दौरान पुलिस द्वारा राज्य प्रधान सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री व जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर के घरों पर छापेमारी करने और राज्य प्रधान सुभाष लांबा व किसान नेता सतपाल नरवत को नजरबंद करने व रोड़वेज के प्रधान रविन्द्र नागर, किसान नेता बबलू हुड्डा व धर्मपाल चहल सहित दर्जनों किसान नेताओं को हिरासत में लेने आदि कार्यवाही करने के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में इन गैर संवैधानिक कदमों को रोकने की मांग की। डीसी ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि इस मामले में वह पुलिस आयुक्त से बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में शांतिपूर्ण प्रर्दशन करने वाले कर्मचारी व किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी,नजरबंद व हिरासत में लेने जैसी कोई किसी भी प्रकार की कार्रवाई न हो। डीसी से मिलें शिष्टमंडल में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर,उप प्रधान अतर सिंह केशवाल, किसान संधर्ष समिति नहर पार के संयोजक सतपाल नरवत, अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष नवल सिंह व अजरौंदा के किसान नेता अमर सिंह मलिक शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने डीसी से किसानों के आह्वान पर 14 दिसंबर को डीसी आफिस के सामने शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करने की भी स्वीकृति ली। प्रर्दशन से पूर्व कर्मचारी व किसान ओपन एयर थियेटर में एकत्रित हुए और वहां एक सभा का आयोजन किया गया। उसके बाद जुलूस बनाकर पुलिस प्रशासन की तानाशाही व गैर कानूनी दमनात्मक कार्यवाहियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डीसी आफिस पर पहुंऐ और पुलिस के खिलाफ वहां जमकर प्रदर्शन किया।
प्रर्दशन में उपरोक्त के अलावा कर्मचारी नेता युद्धवीर सिंह खत्री, शब्बीर अहमद गनी, राजबेल देसवाल,करतार सिंह, गुरचरण सिंह खाडिया,राज सिंह,भीम सिंह, रविन्द्र नागर, भूप सिंह, गांधी सहरावत,दर्शन सोया आदि मौजूद थे।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि देशभर के कर्मचारी, मजदूर व किसान संगठन कोरोना को अवसर में बदलकर मोदी सरकार द्वारा जबरन तरीके से बनाए गए तीन काले कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन का तन-मन-धन से समर्थन कर रहे हैं। फरीदाबाद पुलिस किसानों के समर्थन और काले कानूनों के खिलाफ आयोजित शांतिपूर्ण प्रर्दशन भी नहीं होने देना चाहती। उन्होंने कहा कि पुलिस की यह कार्यवाहियां पूरी तरह गैर संवैधानिक है और जनतांत्रिक एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। प्रर्दशन में पुलिस की इन दमनात्मक कार्यवाही की घोर निन्दा का प्रस्ताव पारित किया गया और प्रशासन को चेतावनी दी गई कि अगर भविष्य में किसानों के आंदोलन के समर्थन में शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित प्रर्दशनों को रोकने के लिए पुलिस ने कोई दमनात्मक कार्रवाई की तो सभी विभागों के कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।