पूर्व पार्षद कैलाश बैसला की मेहनत रंग लाई । ग्रीनफील्ड कॉलोनी को नगर निगम जल्द करेगा टेकओवर , गंभीर समस्या को लेकर लोगों के साथ कमिश्नर यशपाल यादव को दिया था ज्ञापन।
जल्ह ही ग्रीनफील्ड कॉलोनी को एमसीएफ टेक ओवर कर सकती है। इसकों लेकर नगर निगम फरीदाबाद के कमिश्नर यशपाल यादव ने संकेत भी दिए है। और उन्होनें कुछ सुझाव देकर इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम भी शुरु कर दिया है। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही ग्रीनफील्ड कॉलोनी में विकास तीव्र गति से होना शुरु हो जाएगा। बता दे कि वर्तमान में हेमा बैसला वार्ड-20 से पार्षद है और उनके पिता कैलाश बैसला जो कि खुद भी इस वार्ड से पार्षद रह चुके है। तीन दिन पहले ज्ञापन देकर उन्होंने ग्रीनफील्ड कॉलोनी को एमसीएफ के हैंड ओवर करने की सबसे महत्वपूर्ण मांग नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव जी के समक्ष रखी थी।
असल में जब निगम ने इस कॉलोनी पर बकाया राशि को कॉलोनी की सामूहिक प्रयोग की प्रॉपर्टी से वसूल करना चाहा तो यहां की आरडब्ल्यूए इस मामले में कोर्ट में चली गई और कोर्ट ने इस मामले को स्टे दे दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि निगम ने तो इस कॉलोनी को टेकओवर नहीं किया पर स्थानीय निगम पार्षद हमें बैंसला ने अपने पिता कैलाश बैंसला की सहायता से ट्रिपल पी आधार पर यहां पर लगभग 125% पैसा हेमा बैसला के नाम पर उनके पिता कैलाश बैंसला ने 20% पैसा स्थानीय निवासियों ने तथा 70% पैसा इस कॉलोनी को विकसित करने वाली कंपनी ने दिया । लेकिन इन सब के बावजूद भी ग्रीन फील्ड कॉलोनी में उतनी तेज़ी से डेवलोपमेन्ट हो पाया जितना होना चाहिए था हालांकि कैलाश बैसला समय समय पर डेवलोपमेन्ट करते रहे लेकिन सरकारी सहयोग नही मिलने से काम पूरी तरह से नही हो सके। स्थानीय लोग लगातार टेकओवर करने की मांग कर रहे थे सरकार के दबाव में एक बार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने सैनिक कॉलोनी के साथ ही जहां है जैसा है आधार पर इस कॉलोनी को टेकओवर करने कि निगम को स्वीकृति दे दी थी लेकिन क्योंकि स्थानीय आरडब्ल्यूए ने कालोनी की सार्वजनिक प्रॉपर्टी को लेकर कोर्ट से स्टे लिया हुआ था इस कारण तत्कालीन निगमायुक्त मोहम्मद साईन ने सैनिक सैनिक कॉलोनी को तो टेकओवर कर लिया पर इस कॉलोनी को टेकओवर नहीं किया । यहीं कारण है कि पिछले दिनों निगम पार्षद हेमा बैंसला के पिता पूर्व पार्षद कैलाश बैंसला ने एक बार फिर प्रयास कर इस कॉलोनी को निगम द्वारा टेकओवर कराने के लिए आगे आए और स्थानीय लोगाें के साथ निगमायुक्त यशपाल यादव से मुलाकात भी की और उन्हें ज्ञापन भी दिया था जिसके बाद निगमायुक्त ने इस पर संज्ञान लिया और मीटिंग कर कुछ शर्तों को रखा। जिसके बाद कमिश्नर यशपाल यादव ने इस कॉलोनी को लेकर पूर्व पार्षद कैलाश बैंसला आरडब्ल्यूए प्रधान बिंदे भड़ाना तथा अर्बन इंप्रूवमेंट कंपनी के चेयरमैन भारत भूषण के साथ लंबी मीटिंग की। जिनमें एक तो वह निगम के ड्यूज को जमा करा दें या फिर इतनी प्रॉपर्टी निगम के नाम करा दे या फिर जो कॉलोनी में खामियां हैं उनको पूरा कर देता कि निगम इस कंपनी को टेकओवर कर सकें अंत में सभी पक्षों में यह आम राय बनी कि इस कॉलोनी को विकसित करने वाली कंपनी जितना भी ड्यूज निगम का निकलेगा उतनी कीमत की सार्वजनिक प्रयोग की प्रॉपर्टी निगम के नाम करा देगी उसके बाद निगम इस कॉलोनी को टेकओवर कर लेंगे निगमायुक्त के साथ बैठक में यह चर्चा भी हुई की आरडब्ल्यूए ने इस कॉलोनी की सार्वजनिक प्रॉपर्टी को लेकर स्टे लिया हुआ है इस कारण इस कॉलोनी को विकसित करने वाली कंपनी उस सार्वजनिक प्रॉपर्टी को निगम को नहीं दे सकती जिस पर आम सहमति बनी की आरडब्ल्यूए कोर्ट को इस बैठक के फैसले से अवगत कराएगी की सार्वजनिक प्रयोग की प्रॉपर्टी क्योंकि ड्यूज की एवज में निगम को देनी है इस कारण इस प्रॉपर्टी से स्टे हटाया जाए तब तक निगम किसी तीसरी पार्टी से इस कॉलोनी का सर्वे करा ड्यूज की नवीनतम राशि का आकलन करेगी मीटिंग में निगमायुक्त यशपाल यादव ने कहा कि सभी पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि कालोनी के लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निगम इसको टेकओवर करें इसके लिए आरडब्लूए अपना अपने कोर्ट केस से कॉलोनी की सार्वजनिक प्रॉपर्टी को अलग करने की मांग अगली तारीख पर रखेगी और एक तीसरी पार्टी निगम के ड्यूज व प्रॉपर्टी का आकलन करेगी