प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों को राहत पैकेज देने की मांग करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सीएम हरियाणा और एचआरडी मिनिस्टर को लेटर भेजकर रिलीफ फंड जारी करने की मांग रखी।
कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा के कई प्राइवेट शिक्षण संस्थान की हालात काफी खराब है जिसको लेकर प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों को राहत पैकेज देने की मांग की है। प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, सीएम हरियाणा मनोहर लाल और एचआरडी मिनिस्टर गवरमेंट ऑफ इंडिया को लेटर भेजकर प्राइवेट स्कूलों के लिए रिलीफ फंड जारी करने की मांग रखी है। ज्यादा जानकारी देते हुए प्राइवेट स्कूल्स के स्टेट प्रेसिडेंट रमेश डागर ने बताया कि हरियाणा के निजी स्कूलों ने बंद के चलते फीस जमा न होने पर सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांगा की है कोरोना के चलते आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे निजी स्कूलों के लिए तुरंत राहत पैकेज की घोषणा की जाए। स्टेट प्रेसिडेंट रमेश डागर ने लेटर के माध्यम से कहा है कि 5 से 10 प्रतिशत अभिभावकों को छोड़कर किसी भी सक्षम अभिभावक ने भी फीस जमा नहीं करवाई है। शिक्षा विभाग के अलग-अलग लेटर जारी करने से अभिभावकों में भ्रांति पैदा हो गई है। इसलिए सक्षम अभिभावक को एक-एक महीने के हिसाब से ही फीस जमा कराने के स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं। फीस नही आने के कारण इस संकट मैं स्टाफ का वेतन, बिजली, पानी का बिल, बसों की किस्त, बीमा, परमिट, रोड टैक्स, रिन्यूअल व अन्य स्कूल खर्चों को पूरा करना आसान नहीं है। इन सब मांगों को लेकर हमने प्राइवेट स्कूलों की परेशानियों को सरकार के समक्ष रखा है। स्टेट जनरल सेक्रेटरी गौरव पराशर ने कहा है कि सरकार के आदेश मानते हुए हमने अभिभावकों से सिर्फ एक महीने के हिसाब से सिर्फ ट्यूशन फीस देने की मांग की । लेकिन कुछ ही प्रतिशत अभिभावकों ने फीस जमा की है। जिसके कारण बच्चों को ऑन लाइन पड़ा रही क्लास टीचर्स को सैलरी देना हमारे लिए एक चुनोती बन चुकी है। अब तक तो हम टीचर्स को सैलरी किसी न किसी रूप में देते रहे है लेकिन जब अभिभावक फीस नही देंगे तो हम टीचर्स को कैसे सैलरी देगे । इसके अलावा स्कूल संचालकों के सामने कई स्कूल के लोन है जो की सबसे बड़ी मुसीबत है। इस मुद्दे पर प्रदेश मीडिया प्रभारी दीपक यादव ने कहा कि प्रदेश में 80 प्रतिशत स्कूल तो पहले ही घाटे में चल रहे हैं। इनमें से भी बहुत से स्कूलों की तो पिछले सत्र की फीस भी नहीं आई है। सरकार विशेष राहत पैकेज जारी करे ताकि महामारी के दौर में स्टाफ की सैलरी व अन्य खर्चों को पूरा किया जा सके। कोविड-19 के कारण प्राइवेट शैक्षिक संस्थान कई माह से बंद है, प्रवक्ता दीपक यादव ने कहा कि सरकार तकरीबन सभी क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज घोषित कर रही है, लेकिन प्राइवेट शैक्षिक संस्थानों के लिए अभी तक किसी प्रकार के राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई। इन सब बातों को अमल में लाने के लिए ही सरकार के सामने प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने लेटर लिखकर राहत पैकेज की मांग रखी है।