Citymirrors-news-गुणवत्ता किसी संस्थान में उसके प्रबंधन की नीतियों से विकसित होती है और उपभोक्ताओं की संतुष्टि तथा विश्वास से उस संस्थान की नींव मजबूत होती है। किसी भी संस्थान की सफलता के लिये उत्पाद की गुणवत्ता और प्रोसैस व सर्विस एक आवश्यक पहलु है जिस पर संस्थान से संबंधित सभी वर्गों को ध्यान देना चाहिए। टैप डीसी के चेयरमैन श्री जे पी मल्होत्रा ने यहां लीन सिक्स सिग्मा यैलो बैल्ट पर एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम में यह विचार व्यक्त करते कहा कि आज जबकि प्रतिस्पर्धा के दौर में चुनौतियां बढ़ रही हैं, ऐसे में गुणवत्ता व उपभोक्ता संतुष्टि ही निश्चित रूप से सफलता के लिये कारगर हैं।
आपने कहा कि यह जरूरी हो गया है कि संस्थान का प्रत्येक व्यक्ति अपने विचारों, तकनीक और अपने क्षेत्र में निरंतर विकास के लिये तत्पर रहे। श्री मल्होत्रा ने कहा कि ऐसा कर हम टोटल क्वालिटी कंट्रोल की ओर बढ़ते हैं तथा क्वालिटी डेवलपमैंट, क्वालिटी मैंटीनैंस और क्वालिटी इम्पू्रवमैंट की दिशा में सफलता मिलती है जोकि पूर्ण उपभोक्ता संतुष्टि
का राज (सीक्रेट) है। वर्तमान परिवेश में बाजार में अपनी पहचान बनाने व सरवाईवल के लिये उच्च स्तरीय गुणवत्ता कम लागत पर उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल देते
हुए श्री मल्होत्रा ने कहा कि यह वास्तव में व्यापार की परिभाषा बदल देगा। आपने कहा कि गुणवत्ता वास्तव में बेहतर प्रदर्शन, संतुष्टि और विकास की ओर कदम है और इस संबंध में आवश्यकता इस बात की है कि उत्पाद बहुत अधिक महंगा नहीं होना चाहिए तथा वह किसी के लिये भी हानिकारक न हो।
सिक्स सिग्मा संबंधी ट्रेनिंग की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए टैप डीसी की सीईओ सुश्री चारू स्मिता मल्होत्रा ने बताया कि सिक्स सिग्मा वास्तव में एक अनुशासनात्मक कार्य प्रक्रिया है जो मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर उपभोक्ता तक उत्पाद की त्रुटि या क्षति का अध्ययन करना भी सिखाती है। विशेषज्ञ व ब्लैक बैल्ट मास्टर श्री सैयद सैफ ने अपनी प्रेैजेन्टेशन में जानकारी दी कि सिक्स सिग्मा का विकास १९८५ में मोटोरोला द्वारा किया गया और जब १९९५ में जनरल इलैक्ट्रीकल में जैक बैल्च ने इस पर ध्यान केंद्रित किया तो इसे प्रसिद्धी मिली।
आपने कहा कि सिक्स सिग्मा वास्तव में उत्पाद में गुणवत्ता को बढ़ाने तथा डिफेक्टस को समाप्त करने के साथ-साथ मैन्यूफैक्चरिंग प्रक्रिया से लेकर बिजनेस प्रोसैस तक कारगर है।
ट्रेनिंग प्रोग्राम में फरीदाबाद, गुडग़ांव, नई दिल्ली व नोएडा में
कार्यरत एमएसएमई सैक्टर के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल थे।