बंधवाडी गांव के अनाथ आश्रम में बुजुर्गों के साथ दीपावली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
संस्था में रहने वाले सभी बुजुर्ग, अबला महिलाओं और मानसिक रोगियों को नए कपड़े दिए गए, नई चादर, कंबल, चप्पल और शाले भेंट की गई| पूरी संस्था को फूलों से सजाया गया दीपक जलाए गयें, सभी अनाथ लोगों को मिठाइयां बांटी गई और स्वादिष्ट भोजन परोसा गया। संस्था दी अर्थ सेवियर्स फाऊंडेशन के संस्थापक रवि कालरा ने बताया कि आठ महीने से चल रहे करोना वायरस के विश्वव्यापी प्रकोप के चलते लग रहा था की इस बार दीपावली फीकी रहेगी लेकिन इसके विपरीत समाज के प्रतिष्ठित गणमान्य व जन साधारण लोग संस्था में सुबह से देर शाम तक गरीब बेसहारा लोगों को दीपावली की बधाई देने संस्था में आते रहे। गौरतलब है कि इस संस्था में रह रहें 500 से अधिक बेसहारा, वृद्ध व मानसिक रोगियों के परिवार का कोई भी सदस्य उनसे मिलने दीपावली पर बधाई देने नहीं आया, लेकिन संस्था की समाज सेविकाओं ने अपनी दीपावली की छुट्टी कैंसिल की और सभी अनाथ लोगों के साथ दीपावली मनाई । पूरी संस्था की साफ सफाई करवाई गई, गणेश जी, लक्ष्मी जी और राम भगवान की पूजा की गई, संस्था को सजाया और भजन कीर्तन का आनंद सभी बेसहारा लोगों का सहारा बना। समाज से सभी लोग अपने बच्चों को भी संस्था में दीपावली मनाने कर लिए लाए। इस माध्यम से बच्चों को यह शिक्षा देने की कोशिश की गई कि हमें तो ईश्वर ने सब सुखो से नवाजा है। लेकिन संस्था में रह रहे बेसहारा लोग अपने परिवार से मिलने के लिए तड़पते है | संस्था के स्थापक रवि कालरा ने जनसाधारण को पटाखे नहीं जलाने की अपील करते हुए समझाया कि पटाखो से प्रदूषण होता है। लेकिन दुख की बात है कि अमीर लोग अपने शहरों को दिवाली वाले दिन कचरे के ढेर से कब्रिस्तान की तरह बदल देते हैं। हर साल हजारों बेकसूर बच्चे दीपावली पर पटाखों की वजह से जल जाते हैं। पशु पक्षी व वृद्ध लोगों अस्पतालों में पड़े मरीजों की हालत बदतर हो जाती है। प्रदूषण चरम सीमाये पार कर जाती हैं। आंखों का जलना,टीबी , अस्थमा, कैंसर जैसी बीमारियों मे बढ़ोतरी होती है और विदेशों में हमारे देश भारत की बहुत बेजती होती है। सांस लेना मुश्किल हो जाता है। रवि कालरा ने बताया की गरीबों के पास तो एक दो वक्त की रोटी नहीं है रहने का घर नहीं है। लेकिन पढ़े-लिखे पटाखे जला कर अपने शहर को दीपावली वाले दिन बेशुमार रुपैया पैसा फूक कर वायु प्रदूषण फेलते हैं और अपने शहर को गंदा करते है |