बरोदा उपचुनाव: बीजेपी द्वारा योगेश्वर दत्त पर लगाया गया भरोसा सही साबित हो सकता है।
हरियाणा के बरोदा उपचुनावों में मानसूनी गरमी आ गई है। जैसे जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है। वैसे ही कांग्रेस और बीजेपी ने एक दूसरे पर तीखे वार तेज कर दिए है। बीजेपी एक बार फिर पहलवान योगेश्वर दत्त (ब्राह्मण) को जाट बहुल इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं सोनीपत में आने के कारण भुपेंद्र सिंह हुडा की इज्जत भी दाव पर लगी है। बीजेपी इस बार कोई भी कसर नहीं छाेड़ना चाहती । यही कारण है कि हरियाणा के सभी बड़े नेता बरोदा में डेरा जमाए हुए है। वहीं अगर आम जनता की बात करे तो लोग चुनाव से पहले कुछ भी साफ बोलने को तैयार नहीं है। कुछ लोग बोल भी रहे है तो वह अपने इलाके में विकास चाहते है 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर लड़ने वाले पहलवान योगेश्वर दत्त हार गए थे.और दूसरे नंबर आए थे। ऐसे में बीजेपी ने एक बार फिर पहलवान योगेश्वर दत्त (ब्राह्मण) पर दांव लगाया है। और जीत की हुंकार भरी है। बता दे की इस सीट पर 2019 में कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा की इसी साल अप्रैल महीने में मौत हो गई थी.पहलवान से नेता बने दत्त सोनीपत की बरोदा सीट पर तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में जीत के लिए दत्त दिन रात प्रचार में लगे है। मात्र 5 हजार कुछ वोटों से हारे दत्त को लेकर आम जनता इस बार बीजेपी को यह सीट दे सकती है। क्यों कि स्थानीय लोगों को साफ तौर पर कहना है कि वह बरोदा में विकास देखना चाहता है। और वहीं मौजूदा बीजेपी सरकार ने योगेश्वर को उम्मीदवार बनाकर सही किया है। क्यों कि योगेश्वर ने देश के नाम देश विदेश में रोशन किया है। और अब राजनिति में आकर वह अपने इलाके और हरियाणा के लिए कुछ करना चाहता है। तो एक बार उसे जीताकर विधानसभा भेजने का काम करेगें। वहीं जाट बहुल्य इलाके में बीजेपी ने डेरा जमा लिया है। और जिस तरह एक के बाद एक विकास कार्यों की घोषणा की गई है बरोदा में उसका भी बीजेपी को फायदा हो सकता है। बीजेपी और जजपा ने मिलकर बरोदा उपचुनाव में जी जान लगा दिया है। वहीं दूसरी और कांग्रेस की बात करे तो कांग्रेस प्रार्टी में गुटबाजी भी दिखाई दे रही है। भुपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस अन्य बड़े नेताओं का साथ नहीं मिल पा रहा है जैसा कि मिलना चाहिए।