मेट्रो अस्पताल के डॉक्टरों ने रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट कर खत्म किया महिला के कंधों का दर्द
मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में फरीदाबाद का पहला रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट सफलतापूर्ण किया गया। अस्पताल के वरिष्ठ हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ युवराज कुमार, डॉ नमन गोयल, डॉ अरुणेश कुमार एवं टीम द्वारा सफलता पूर्वक सर्जरी की गई।
मेट्रो अस्पताल के डॉक्टरों की मदद से एक महिला के कंधों में पिछले कई महीनों से बना हुआ दर्द महज दो घंटे के जटिल ऑपरेशन से खत्म हुआ है। इससे पहले महिला ने फरीदाबाद के कई निजी अस्पताल के डॉक्टरों के दिखाया था, लेकिन कोई आराम नहीं मिला था।
मेट्रो अस्पताल में आर्थोपेडिक एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट वरिष्ठ सर्जन डॉ. युवराज कुमार ने बताया कि फरीदाबाद में रहने वाली कस्तूरी देवी (71) को पिछले माह से कंधों में दर्द बना हुआ था। इससे मूवमेंट नहीं हो पा रहा था। मरीज को काफी परेशानी हो रही थी। मरीज ने कई फरीदाबाद के कई निजी अस्पतालों में डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई आराम नहीं हुआ। मेट्रो अस्पताल में आने के बाद मरीज का एमआरआई कराया गया। जिसमें देखा कि गया रोटेटर कफ ठीक से काम नहीं कर रहा है व कंधे का जोड़ पूरी तरह से खराब हो चुका है इस स्थिति को रोटेटर कफ अर्थ्रोपैथी भी कहते है। जिसमें कंधे के जोड़ में आरथेरिटिस हो जाता है।जैसे मरीज़ का घुटना खराब हो जाता है वैसे मरीज का कंधा खराब हो जाता है ऐसी स्थिति में रिवर्स शोल्डर रिप्लेसमेंट ही एक विकल्प रह जाता है रिवर्स का मतलब है उल्टा जिसका तात्पर्य यह है कि कंधे की जोड़ में बाल की जगह आर्टिफिशियल कफ़ ओर कफ की जगह आर्टिफिशियल बाल लगा दिया जाता है इससे बायो मैकेनिकली होता यह है की डेल्टॉइड मसल्स रोटेटर कफ़ का कार्य पूरी तरह करना शुरु कर देती है। जिससे मरीज का दर्द कम होने के साथ मूवमेंट शुरू हो जाती है । ऑपरेशन में करीब दो घंटे का वक्त लग है। फरीदाबाद में इस तरह का पहला ऑपरेशन होता है। यह टेक्निकली काफी डिमांड होता है। बहुत कम अस्पताल में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है। इस तरह के मरीजों को कंधे में दर्द बना रहता है। मूवमेंट नहीं होने से परेशानी बढ़ती रहती है। अगर समय रहते है इसका इलाज नहीं किया गया है, तो कंधा पूरी तरह से खराब भी हो सकता है। मेट्रो अस्पताल के कंधा विशेषज्ञ डॉ. नमन गोयल और अरुणेश कुमार के साथ मिलकर ऑपरेशन किया है। स्वस्थ होने पर मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब फरीदाबाद के मरीजों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं है।क्योंकि मेट्रो अस्पताल में इस बीमारी का इलाज संभव है। हिप और नी रिप्लेंसमेंट तो साधारण बात है, लेकिन शोल्डर रिप्लेसमेंट का काम काफी जटिल है। अगर किसी मरीज को कंधे में दिक्कत हो रही है तो चाहिए कि एमआरआई जांच के साथ एक्स-रे कराए। समय रहते बीमारी को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।
—–
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है बीमारी :
डॉ युवराज ने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई बीमारियों हमें घेर लेती है। उम्र के साथ हमारी हड्डियां और मांसपेशियां काफी कमजोर हो जाती है। जिसके कारण हड्डियों संबंधी कई समस्याएं हो जाती है। इन्हीं में से एक समस्या है रोटेटर कफ की चोट। इसमें कंधों में एक तरह का भयानक दर्द होता है। इस बीमारी में कंधों को घुमाने के साथ-साथ मोड़ने के साथ सूजन की समस्या हो जाती है। जानिए आखिर क्या है रोटेटर कफ, इसके लक्षण और कैसे करें इससे बचाव।
—–
क्या है रोटेटर कफ
रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन्स का ऐसा समूह है, कंधों के जोड़ों के पास होता है और हमारे हाथों को मोड़ने-घुमाने में मदद करता है। रोटेटर कफ की मोटाई मात्र 5 मिलीमीटर होती है इसलिए कई बार गिरने-फिसलने या टक्कर जैसी मामूली घटनाओं से भी रोटेटर कफ में दर्द की समस्या हो जाती है।
—-
रोटेटर कफ में समस्या होने के लक्षण
-आमतौर पर रोटेटर कफ इंजरी होने के लक्षण नजर आते है।
-कंधे या फिर ऊपरी बांह में दर्द
-हाथ ऊपर या फिर बाहर करने में दर्द होना।
-हाथ उठाने में कठिनाई होना।
-रात के समय कंधों में अधिक दर्द होना।
-शर्ट की बांह में हाथ डालने या फिर बालों में कंघी करते समय असहनीय दर्द होना।
—-
रोटेटटर कफ की चोट से बचने के लिए ध्यान रखें ये बातें
-अगर आपको अचानक दर्द हो रहा है तो कपड़े में बर्फ रखकर प्रभावित जहृगह पर कम सम कम 20 मिनट सिंकाई करें।
-अगर एक्सरसाइज के समय दर्द बढ़ता जाता है। तो थोड़े दिनों के लिए एक्सरसाइज बंद कर दें।
-अगर आपका काम जरुरी है तो आप हर 2 घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक जरुर लें।
-रोटेटर कफ की समस्या से बचाव के लिए रोजाना कंधों की थोड़ी सी एक्सरसाइज करें।
-अगर दर्द ज्यादा बढ़ जाता है तो तुरंत डॉक्रट से संपर्क करें।