राजकीय जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में संचालित इग्नू सेंटर के अकाउंट में हेराफेरी आने के बाद किए गए सीज।
राजकीय जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में संचालित इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) सेंटर के अकाउंट सीज कर दिए गए हैं। सेंटर में रुपयों की हेराफेरी का मामला सामने आया है। इसमें पूर्व प्राचार्य आरोपी हैं। वह कुछ समय कार्यकारी पद पर रहे, फिर सरकारी आदेश के बाद उन्हें हटा दिया गया। मौजूदा प्राचार्य ने मामले की जांच और इग्नू समन्वयक नियुक्ति तक कॉलेज अकाउंट सीज रखना मजबूरी बताया है।
कॉलेज के नाम पर ऐसे फर्नीचर के बिल पास कराए जा रहे थे, जो कभी कॉलेज पहुंचे ही नहीं। वहीं, कुछ चेक 21 अक्तूबर 2020 की तारीख में रिलीज किए गए। इस दिन मोहना से ट्रांसफर होकर आए नए प्राचार्य ने पदभार संभाल लिया। ऐसे में चेक जारी करने की पावर पूर्व प्राचार्य खो चुके थे। वहीं, इग्नू समन्वयक पद पर किसी की तैनाती न होते हुए भी इस पद का मानदेय रिलीज किया गया। इसका भुगतान होने के बाद इग्नू ने स्वीकारा की मानदेय का गलत भुगतान किया गया है।नेहरू कॉलेज में प्राचार्य और इग्नू समन्वयक के दो पद हैं। मौजूदा प्राचार्य ने इस पद के लिए किसी अन्य अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव उच्चतर शिक्षा विभाग (डीएचई) को भेजा है। ऐसे में पद पर किसी अन्य प्रोफेसर की नियुक्ति तक इग्नू परीक्षा केंद्र के लिए जरूरी खर्च का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। कॉलेज प्राचार्य एमके गुप्ता का कहना है कि मामले में उच्च अधिकारी ही संज्ञान लेंगे।
वहीं, इग्नू के उप निदेशक राजेश कुमार सहित उनकी टीम ने कॉलेज का दौरा कर सेंटर की परीक्षाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है, दिसंबर में उन्होंने पद संभाला है। रुपयों की हेराफेरी किसी सूरत बर्दाश्त नहीं होगी। मामले में इग्नू के अधिकारियों की लापरवाही भी उन्होंने स्वीकारी है। उनका कहना है, जल्द ही इस मामले को जांच कमेटी के सामने सुलझाया जाएगा।