राम कथा का श्रवण करने से जीवन सुधरता है : पं सुरेन्द्र शर्मा बबली
फरीदाबाद, 28 अगस्त : रामायण और रामचरित मानस हमारे पवित्र ग्रंथ हैं। तुलसीदास जी ने श्री राम को ईश्वर मान कर रामचरितमानस की रचना की है, किन्तु आदिकवि वाल्मीकि ने अपने रामायण में श्री राम को मनुष्य ही माना है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को राम के राज्यभिषेक के बाद समाप्त कर दिया है, वहीं आदिकवि श्री वाल्मीकि ने अपने रामायण में कथा को आगे श्री राम के महाप्रयाण तक वर्णित किया है। उक्त वर्णन फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के गांव ताराका में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने व्यक्त किए। इस अवसर पर पं सुरेन्द्र शर्मा बबली का गांव ताराका की सरदारी ने भव्य स्वागत व मान सम्मान किया। पं सुरेन्द्र शर्मा बबली ने कथा वाचक व्यास जी का सम्मान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि राम कथा श्रवण करने से जीवन सुधरता है। मानव मात्र के कल्याण के लिए सनातन धर्म का पालन करते हुए भगवान के शरणागत होकर जीव परम गति को प्राप्त करता है। इसलिए हमको जब भी जीवन में मौका मिले राम कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। इस मौके पर सुन्दर आयोजन व मान सम्मान के लिए गांव ताराका की सरदारी का सह्रदय आभार वयक्त किया। राम कथा में उनके साथ पं देवराज, पं रामजीलाल, कवि श्रीचंद भंवर, पं मुकेश वशिष्ठ, पं प्रभु दयाल, पं लेखराज सरपंच, पं गंगा नम्बरदार, पं एच के भारद्वाज, पं मनोहर सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।