रावल इंस्टीट्यूशंस द्वारा सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों में ‘वित्तीय साक्षरता अभियान’ का आयोजन
भारत सरकार सभी आयु वर्गों के बीच वित्तीय साक्षरता की ओर जोर दे रही है और संस्थानों को इसमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जकोपुर स्थित रावल इंस्टीट्यूशंस के बी.एड के छात्रों ने विभिन्न सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों में ‘वित्तीय साक्षरता’ का पाठ पढ़ाया, जिसके तहत ना सिर्फ स्कूल के छात्रों को वित्तीय फ्राड से बचने के तरीके बताए गए, बल्कि किस तरह से बचत करें इसकी भी जानकारी दी गई। रावल इंस्टीट्यूशंस का मानना है कि दुनिया भर में तेजी के साथ पैसों का बहाव हो रहा है और किसी के जीवन में सही तरीके से वित्तीय निर्णय लेने के लिए इस प्रबंधन को समझना बेहद जरूरी है इसलिए वित्तीय साक्षरता विभिन्न वित्तीय कौशलों को समझने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने की क्षमता रखता है। इस उद्देश्य से रावल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के छात्र अध्यापकों ने विभिन्न सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों में सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों में वित्तीय साक्षरता अभियान का आयोजन किया, जिनमें से कुछ हैं – गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल (ओल्ड फरीदाबाद), गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (सराय ख्वाजा), गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल (सेक्टर 28) और संकल्प कान्वेंट स्कूल I इन अभियानों में स्कूल के छात्रों को वित्तीय लेनदेन, निवेश और फ्राड से बचने के बारे में प्रशिक्षित किया गया I रावल कॉलेज ऑफ एजुकेशन की प्राचार्य डॉ सोनल छाबड़ा का कहना है कि “वित्तीय-शिक्षा” का विस्तार करना हमारा फ़र्ज़ और कर्त्तव्य दोनों है जिससे हमारे साथ-साथ सभी का आर्थिक कल्याण हो सके तथा वर्तमान एवं भविष्य की बढ़ती हुई “वित्तीय-समस्याओं” का समाधान हो सके I रावल इंस्टीट्यूशंस के प्रशासक अनिल प्रताप सिंह ने रावल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हमें समस्या का नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बनना है -तो हमें यह जिम्मेदारी निभानी ही होगी ।