रोटेरियन जितेंद्र छाबड़ा के पुत्र और पुत्री कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए अनोखे तरीके से आगे आएं ।
Citymirrors-news-फरीदाबाद एक तरफ कोरोना जैसे भयंकर वायरस से लड़ रहा है। वही लगातार लोग इसकी चपेट में आ रहे है। किसी को ऑक्सीजन जरूरत पड़ रही है तो कोई उचित इलाज के अभाव में दम तोड़ रहा है। कई लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। लेकिन कुछ लोग इस जानलेवा बीमारी के बीच मानवता की मिसाल कायम करते हुए समाजसेवा के कामों में आगे आ कर लोगों की मदद कर रहे है। हम बात कर रहे है समाजसेवी, बिजनेसमैन और रोटेरियन जितेंद्र छाबड़ा के बेटे तनवीर छाबड़ा और बेटी जसनूर छाबड़ा की।
तनवीर छाबड़ा दो बार प्लाज़्मा डोनेट कर चुके है। वही सोशल मीडिया पर लगातार अपने दोस्तों को ऐसे नेक कार्य करने के लिए किसी की जान बचाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है। उनके कई दोस्त प्लाज़्मा और ब्लड डोनेट करने के लिए आगे भी आ रहे है। वही रोटेरियन जितेंद्र छाबड़ा की बेटी जसनूर छाबड़ा पेटिंग बनाकर सोशल मीडिया पर पेंटिंग बेचकर उस पैसे से कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिये अभियान चला रही है। और पेंटिंग बनाने में जुटी हुई है। रोटेरियन जितेंद्र छाबड़ा ने बताया कि देश में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है अगर युवा इस तरह से समाज की भलाई के लिए आगे आए तो कोरोना से उत्पन हुई बाधाएं दूर की जा सकती है। आज रक्तदान करने वालों की काफी कमी आई है। थैलासीमिया से ग्रस्त बच्चों को रक्त की जरूरत पड़ती है। लेकिन कोरोना काल में रक्त डोनेट करने वालों
की कमी के कारण संकट पैदा हो गया है। कोरोना बीमारी से लड़ने के लिए प्लाज़्मा डोनेट करने वाले भी कम लोग सामने आ रहे है। देश के हर नागरिक जो कि ऐसी सेवाएं दे सकता है उसे आगे आना चाहिए।