ललित नागर के मैदान में आने से फरीदाबाद लोकसभा का चुनाव हुआ दिलचस्प। अवतार की एंट्री अगर हुई तो मुकाबला होंगा टफ।
Citymirrors.in- कांग्रेस आला कामान ने आखिरकार फरीदाबाद लोकसभा टिकट से सस्पेंस खत्म करते हुए तिगांव से विधायक ललित नागर को टिकट देकर एक तरह से उन्हें उपहार से नवाजा है। ऐसा प्रतीत होता दिखाई दे रहा है। अब यह कौन सा इनाम है वह फरीदाबाद की जनता भली भांति जानती है। अब जो भी हो ललित नागर हाथ में आई इस गेंद को छोड़ने वाले नही। वहीं बीजेपी के उम्मीदवार कृष्णपाल और उनके कार्यकर्ता इसे अपने हक में मानकर चल रहे है। और जीत का मार्जन पिछले बार से भी ज्यादा लेकर चल रहें है। लेकिन कृष्णपाल गुर्जर के लिये उनकी राह इतनी आसान होती दिखाई नही दे रही है। ललित नागर 2014 में मोदी लहर में भी जीतकर अपना वर्चस्व दिखा चुके है। और विधायक रहते हुए पूरे पांच साल तक तिगांव विधानसभा में विकास कार्यों में हुई अनदेखी का मुद्दा विधानसभा में और पब्लिक के बीच प्रमुखता से उठाते रहे है । अब फरीदाबाद में अवतार के रूप में सामने आये अवतार भड़ाना अगर जेेेजेेपी और आप पार्टी से उम्मीदवार बनकर मैदान में एंट्री कर लेते है तो गुर्जर समुदाय से मैदान में तीन उम्मीदवार आमने सामने होंगे। रही बात इनेलो की जो भी उम्मीदवार हो और बीएसपी और एलएसपी के उम्मीदवार मनधीर सिंह मान हो । लेेेकिन मुुकाबला ललित नागर , कृष्णपाल गुर्जर के बीच होने वाला है। मौजूदा सांसद कृष्णपाल गुर्जर से अंदर खाते बीजेपी कार्यकर्ता और कई समाज के लोग नाराज है। और इसका खुलासा कृष्णपाल की सभा में पिछले कुछ दिनो में कई जगह दिखाई भी दे चुका है। कुल मिलाकर सांसद मोहदय मोदी जी के भरोसे ओवर कॉन्फिडेंस के शिकार होते दिखाई दे रहे है। यें बात खुद बीजेपी के कई कार्यकर्ता फील कर चुके है लोकसभा चुनाव में तीन गुर्जर आमने सामने होने के बाद गुजर वोट बटने के साथ ही जाट वोटर भी कृष्णपाल के खिलाफ जा सकता है। ललित नागर को अपने विधानसभा से बाहर मजबूत करने के लिये भूपेंद्र हुड्डा , उदयभान, सुमित ग़ौर, विकास चौधरी,लखन सिंगला, महेन्द्र प्रताप, शारदा राठौर , ऐसी चौधरी और कांग्रेस कार्यकर्ता एक हो सकते है। वही मेव वोटर भी पूरी मदद कर सकता है। रही बात करण दलाल की तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा उन्हें मनाने में सफल हो सकते है। वहीं अंदर खाते मंत्री विपुल गोयल कृष्णपाल गुर्जर को कमजोर करने के लिये किसी भी हद तक जा सकते है। ऐसे में कृष्णपाल गुर्जर की राह इतनी आसान होती दिखाई नही दे रही । कुल मिलाकर फरीदाबाद की जनता लोकसभा के चुनाव को दो खिलाड़ियों की बड़ी लड़ाई मान कर चल रही है। वही जनता अपने विवेक का प्रयोग कर सही उम्मीदवार को जीतकर लोकसभा में भेजने का काम करने वाली है।