Citymirrors.in-। विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-2 में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने स्कूल के कर्मचारियों को फूल भेंट कर उनका सम्मान किया। बच्चों ने उन्हें मिठाईयां एवं अपने द्वारा बनाए गए कार्ड भी भेंट किए। इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन धर्मपाल यादव ने कहा कि मनुष्य के पास श्रम के अतिरिक्त कोई वास्तविक सम्पत्ति नहीं है। यदि यह कहा जाये कि, श्रम ही जीवन है तो यह गलत न होगा। जीवन में श्रम अनिवार्य है। गीता में श्रीकृष्ण ने कर्म करने पर बल दिया है। मानव देह मिली है तो कर्म करना ही पड़ेगा। यह सारा संसार बड़े-बड़े नगर, गगनचुंबी भवन, हवाई जहाज, रेलगाडिय़ाँ, स्कूटर तथा अन्य कई प्रकार के वाहन, विशाल कारखाने, टी.वी. तथा सिनेमा आदि सभी मानव के श्रम की कहानी कहते हैं ।
स्कूल की डॉयरेक्टर सुनीता यादव ने इस अवसर बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि श्रम अपने आप में ही एक लक्ष्य है। श्रम करके चित्त प्रसन्न होता है। शरीर तंदरूस्त रहता है। श्रम करने वाला व्यक्ति सदैव उन्नति करता है। बड़े-से-बड़े तेज और समर्थ व्यक्ति तनिक आलस्य से जीवन की दौड़ में पिछड़ जाते हैं किन्तु श्रम करने वाले व्यक्ति तनिक दुर्बल भी दौड़ में आगे निकल जाते हैं। इस संबंध में कछुए और खरगोश की कहानी को स्मरण किया जा सकता है। सबको मालूम है कि कछुआ लगातार चलता रहता है तथा परिणामस्वरूप गंतव्य पर पहले पहुँच जाता है किन्तु खरगोश आलस्य करता है और पिछड़ जाता है। श्रम करने वाला व्यक्ति कभी भी हारता नहीं है। मेहनत के बूते पर अति साधारण छात्र चकित करने वाले परिणाम दे जाते हैं।
बच्चों को श्रमिक दिवस की जानकारी देते हुए स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति चौधरी ने कहा कि एक मई को दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है। इन दिन को लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस और मजदूर दिवस भी कहा जाता है। ये दिन पूरी तरह श्रमिकों को समर्पित है। इस दिन भारत समेत कई देशों में मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सलाम किया जाता है। ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है। इसलिए हमें भी श्रम करने वाले लोगों का सम्मान करना चाहिए।