Citymirrors.news विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल, सेक्टर-2 में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थी भगवान श्रीराम, माता जानकी और हनुमान और रावण की वेशभूषा में नजर आए। यहां विद्यार्थियों ने रावण, मेघनाद व कुंभकरण का पुतला जला बुराई पर अच्छाई की जीत का भी संदेश दिया। स्कूल के निदेशक दीपक यादव ने त्योहार का महत्व समझाते हुए बच्चों से कहा कि पर्व हमें न सिर्फ अपने इतिहास से जोड़ता है, बल्कि आपसी प्रेम और सामाजिकता का भी संदेश देता है। उन्होंने बताया कि दशहरा यानी विजय पर्व। दशहरा यानी न्याय और नैतिकता का पर्व। दशहरा यानी सत्य और शक्ति का पर्व। भगवान श्रीराम ने इस दिन राक्षसराज रावण का वध किया था। तब ही से प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप से रावण का दहन किया जाता है। यह पर्व हमें संदेश देता है कि अन्याय और अनैतिकता का दमन हर रूप में सुनिश्चित है। चाहे दुनिया भर की शक्ति और सिद्धियों से आप संपन्न हों लेकिन सामाजिक गरिमा के विरूद्ध किए गए आचरण से आपका विनाश तय है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अवतार धारण किया था। मानव जीवन के हर सुख-दुख को उन्होंने आत्मसात किया था। जब वे इश्वरीय अवतार होकर जीवन-संघर्ष से नहीं बच सकें तो हम सामान्य मनुष्य भला इन विषमताओं से कैसे बच सकते हैं? श्रीराम का संपूर्ण जीवन हमें आदर्श और मर्यादा की सीख देता है। हर मनुष्य के जीवन में कष्ट और खुशी आते हैं। लेकिन उनसे निराश होकर जीवन को समाप्त कर लेना समझदारी नहीं है। अपितु जीवन को ईश्वरीय प्रसाद समझ कर कृतज्ञ भाव से जीना ही मानव जीवन की सार्थकता है। स्कूल की डॉयरेक्टर सुनीता यादव ने कार्यक्रम के समापन पर छात्रों को दशहरा मनाने की परंपरा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में त्योहारों की रंगीन श्रृंखला गुँथी हुई है। हर त्योहार में जीवन को राह दिखाता संदेश और लोक-कथा निहित है। हम उत्सवप्रिय लोग त्योहार तो धूमधाम से मनाते है लेकिन भूल जाते हैं उनमें छुपे संदेश को समझना और जीवन जीने की कला सिखाती लोक-कथा को वरण करना। अगर हम अपनी ही संस्कृति को गहनता से जान लें। उसे आत्मसात कर लें तो कहीं और से, किसी और की आचरण-संहिता की आवश्यकता ही ना रहे। कार्यक्रम के दौरान स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती ज्योति चौधरी ने बच्चों को दशहरा पर्व के महत्तव के बारे में समझाया और इससे जुड़ी प्राचीन गाथाओं को बच्चों को समझाया। इस अवसर पर स्कूल के अध्यापकगणों के साथ-साथ बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित थे