शहीद भगत सिंह, जैसे राष्ट्रभक्तों व देश प्रेमियों ने अपना जीवन बलिदान कर हमें बहुमूल्य आजादी दी है। वासदेव अरोड़ा
Citymirrors-news- विदित है कि भारत के शहीद-ए-आज़म भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में आज के पाकिस्तान के बांगा जि़ला लायल पुर में हुआ था। उन्हें शहीद-ए-आज़म इसलिए कहा गया क्योंकि उन्होंने अपनी पुस्तकों में इस बात का उल्लेख किया है कि आज़दी के बाद का भारत कैसा होगा? यह भी सच है कि भगत सिंह जैसे नौजवान विरले ही होंगे। देश की अस्मत-आबरू के लिए अपनी भरी जवानी में फांसी के फंदे को चुमने वाले हिन्दुस्तान के शेरे बब्बर के 112 वें जन्म दिवस के अवसर पर पंजाबी समाज सभा एवं पंजाबी फेडरेशन फरीदाबाद के संयुक्त तत्वाधान में स्थानीय सैक्टर-10 में शहीद भगत सिंह के जन्मदिन के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया और उनके चित्र पर मल्यार्पण तथा पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर पंजाबी समाज सभा के अध्यक्ष अशोक बनियाल, पंजाबी फेडरेशन के अध्यक्ष वासुदेव अरोड़ा, जगजीत कौर, एस. एस. चौहान, राजेंद्र बजाज, पवन अरोड़ा, टी.एन. कपूर, जगदीश वर्मा, गुरदेव सिंह, सुमन बक्शी, हरीन्दर सिंह, सरोज सिंह, मोनिका, डी.सी. मेहता, जुगल किशोर, वाई.पी. भल्ला, वी.के. उप्पल, विनोद सहगल, शीतल लूथरा, इत्यादि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वासुदेव अरोड़ा ने पने संबोधन में कहा कि शहीद भगत सिंह, जैसे राष्ट्रभक्तों व देश प्रेमियों ने अपना जीवन बलिदान कर हमें बहुमूल्य आजादी दिलाने में जो योगदान दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने शहीद भगत की प्रासंगिता पर जोर देते हुए सभी से अनुरोध किया कि अपने बच्चों को भगत सिंह की जीवनी और उनके द्वारा देश के लिए दी गई कुर्बानी के बारे में जरूर अवगत कराएं। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर पंजाबी समाज सभा के अध्यक्ष अशोक बनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि देशवासियों को और हम सभी को अपनी युवा पीढ़ी को शहादत के लिए शहीद हुये भगत सिंह, जैसे राष्ट्रभक्तों के प्रति देशभक्ति की भावना जागृत करने का काम करना चाहिए।