संशोधित सिक्योरिटी राशि को तीन किस्तों में भर सकेंगे उद्योगपति।
Citymirrors.in-बिजली निगम ने अतिरिक्त अग्रिम खपत जमानत राशि (अडिशनल एडवांस कंजप्शन सिक्योरिटी डिपोजिट) के मसले को लेकर शहर के हजारों उद्योगों को राहत दे दी है। अब उद्योगपति इस राशि को तीन किस्तों में भर सकेंगे, हालांकि उद्योगपति इस राशि को 12 किस्तों में जमा करने की मांग कर रहे थे। इसके अलावा उद्योगपतियों की कई और मांगों पर बिजली निगम के मुख्य प्रबंध निदेशक शत्रुजीत सिंह कपूर ने सकारात्मक रुख दिखाया है। बिजली निगम ने संशोधित सिक्योरिटी राशि को जनवरी के बिल में जोड़कर भेज दिया था, जिससे उद्योगों का बिल खपत के अनुसार कई-कई लाख रुपये बढ़ गया था। बिल मिलते ही उद्योगपतियों में खलबली मच गई थी। उद्योगपतियों ने इस मुद्दे को गुरुवार को फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन के दफ्तर में बिजली निगम और उद्योगपतियों के साथ हुई बैठक में उठाया था। इसके बाद शुक्रवार को उद्योगपतियों का एक दल हिसार में बिजली निगम के मुख्य प्रबंध निदेशक शत्रुजीत सिंह कपूर से मिला था। इस दौरान उद्योगपतियों ने बिजली निगम के मुख्य प्रबंध निदेशक को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की। फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक शैलेंद्र कपूर ने बिजली निगम के मुख्य प्रबंधक निदेशक से सिक्योरिटी राशि के मामले में फौरी राहत की मांग की। उन्होंने मुख्य प्रबंध निदेशक से इस सिक्योरिटी राशि को 12 किस्तों में भरने की अनुमति देने के लिए कहा। मगर, मुख्य प्रबंध निदेशक ने उद्योगपतियों को इस सिक्योरिटी राशि को तीन किस्तों में जमा करने की छूट देने पर सहमति जताई। मुख्य प्रबंध निदेशक के निर्देश पर बिजली निगम इस माह नए बिल भेजेगा, जिसमें सिक्योरिटी राशि का एक तिहाई हिस्सा जोड़कर भेजा जाएगा, हालांकि अभी तक बिजली बिल भरने की अंतिम तारीख 14 और 15 जनवरी थी। बिजली दर कम करने की मांग : ज्ञापन के माध्यम से उद्योगपतियों ने बिजली दर कम करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि हरियाणा में उद्योगों के लिए बिजली दर उच्च स्तर पर बनी हुई है, जबकि बिजली विभाग घाटे से भी उबर चुका है, जिसके चलते उद्योगों की बिजली दर कम करनी चाहिए। उधर, बिजली विभाग ने जून 2015 से लेकर सितंबर 2017 के बीच उपभोक्ताओं से ज्यादा फिक्स चार्ज वसूल किया था। उद्योगतियों के बार-बार अनुरोध के बाद भी यह राशि वापस नहीं की गई है। ऑनलाइन बिल जमा करने में खामी दूर हो : उद्योगपतियों ने कहा कि कई बार देखा गया है कि ऑनलाइन बिल जमा होने की रसीद मिलने के बाद भी तकनीकी दिक्कतों के चलते बिजली निगम के खाते में बिल राशि जमा नहीं होती है। जब उपभोक्ता दोबारा से बिल भरता है तो बिजली निगम अंतिम तारीख बीतने पर लगने वाला सरचार्ज लगा देता है, जबकि इसमें उपभोक्ता की गलती नहीं होती है। –उद्योगों को बार-बार कट से राहत की मांग की : लघु उद्योग भारती के जिला अध्यक्ष रवि भूषण खत्री का कहना है कि फरीदाबाद के सभी औद्योगिक फीडर से बिजली कटौती की जा रही है। जिस कारण औद्योगिक उत्पादन की लागत बढ़ती है, इसलिए औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली कटौती पर रोक लगनी चाहिए।