सभी बिल एक महीने में तो बिजली का बिल दो महीने में क्यों? कैलाश शर्मा
CITYMIRRORS-NEWS-सभी बिल एक महीने में तो बिजली का बिल दो महीने में क्यों? हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इसके पीछे सरकार का आम लोगों के साथ ठगी करना बताया है। मंच का आरोप है कि बिजली विभाग ज्यादा कमाई करने के चक्कर में उपभोक्ताओं को 2 महीने का बिल भेज रहा है।मंच का कहना है कि अगर एक महीने के हिसाब से बिल आएगा तो उपभोक्ता की जेब से कम पैसे जाएंगे। अगर दो महीने में बिल आया तो बिल की आखिरी रीडिंग का रेट पर यूनिट ज्यादा हो जाता है और बिल की रकम भी ज्यादा हो जाती है। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय बिजली विभाग ने बिजली रीडिंग 0-150 यूनिट तक 2.50रुपए,151-250 तक 5.25 रुपए ,251-500 तक 6.30 रुपए और 501-800 तक 7.10 रुपए प्रति यूनिट तय कर रखी है। अगर किसी उपभोक्ता की 2 महीने की यूनिट 501आती है तो बिल आएगा 3557 रुपए
और अगर यह बिल 1 महीने के हिसाब से आएगा तो यूनिट 250 होने पर बिल आएगा 1312 रुपए। यानि । उपभोक्ता को सीधा फायदा होगा रुपए 2245 का। उपभोक्ता को फायदा ना हो इसलिए ही बिजली विभाग दो महीने का बिल भेजता है। यह खुल्लम-खुल्ला लूट है। मंच इस लूट का विरोध करता है और मुख्यमंत्री व बिजली मंत्री से मांग करता है कि वह बिजली विभाग को एक महीने के हिसाब से बिल देने का आदेश पारित करे। मंच ने सांसद व विधायकों से भी इस विषय पर उपभोक्ता को राहत पहुंचाने को कहा है। कैलाश शर्मा ने कहा है कि अब तो डिजिटल बिल तुरंत मीटर की रीडिंग लेकर के दे दिया जाता है तो फिर एक महीने का बिल देने में बिजली विभाग को क्या परेशानी है। मंच में सभी सामाजिक संगठनों, संस्थाओं व आरडब्लूए के प्रतिनिधियों से भी कहा है कि वे बिजली विभाग की इस चालाकी को समझें और सरकार पर दबाव डालें कि वह एक महीने की रीडिंग के आधार पर बिजली का बिल उपभोक्ता को प्रदान कराने की कार्रवाई करे।