स्किलिंग सैक्टर के प्रभावी योगदान से युवाओं के लिये रोजगार को सुनिश्चित किया जा सकता है। जेपी मल्होत्रा
फरीदाबाद। देश में प्रत्येक वर्ष 15 मिलियन युवा वर्कफोर्स के रूप में शामिल होते हैं जबकि उनमें से 75 प्रतिशत को रोजगार नहीं मिलता। सीआईएमई में 2019 में जो आंकड़े प्रस्तुत किये हैं उनके अनुसार 34 प्रतिशत युवा जिनकी आयु 20 से 24 वर्ष के बीच है बेरोजगार हैं जबकि 8 मीलियन युवा जॉब सीकर के रूप में प्रत्येक वर्ष बाजार में आते हैं। देश में स्किल ट्रेनिंग लिये हुये वर्कफोर्स की संख्या 2.3 प्रतिशत ही है। ऐसे में डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने सरकार व उद्योगों को एकजुट कर युवाओं का एक सुदृढ़ सैल बनाने का निर्णय लिया है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जे पी मल्होत्रा के अनुसार उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता जबकि स्किलिंग सैक्टर के प्रभावी योगदान से युवाओं के लिये रोजगार को सुनिश्चित किया जा सकता है।
श्री मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि शैक्षणिक ढांचे को रोजगारोन्मुखी बनाया जाये। आपने कहा कि रोजगार के लिये जॉब प्रोवाइडर्स की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। आपने इसके लिये स्किल डेवलपमैंट की प्रभावी नीति तैयार की जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मांग की है कि इस संबंध में कॉलेजों में उत्पादन प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी जानी चाहिए। यही नहीं ऐसी वर्कशाप आयोजित की जानी चाहिए जिनसे युवाओं को रोजगार के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें जॉब प्रोवाइडर के रूप में विकसित किया जा सके। श्री मल्होत्रा व डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एडवाईजर श्री एम पी रूंगटा के अनुसार उद्योगों व शैक्षणिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जानी आवश्यक है।
श्री मल्होत्रा जोकि बीवाईएसटी फरीदाबाद मैंटर चैप्टर के चेयरमैन भी हैं का मानना है कि मैंटरशिप विद्यार्थियों को प्रभावी रूप से स्किल बना सकता है। नई कम्युनिकेशन व कोलैबोरेशन के साथ 21वीं सदी के अनुरूप युवाओं को स्किल्ड बनाया जा सकता है। नई तकनीक, बेहतर टीचिंग और औपचारिक व अनौपचारिक लर्निंग प्रोसैस की आवश्यकता पर बल देते हुए बीवाईएसटी के वरिष्ठ मैंटर एस एन दुआ ने कहा है कि इसके लिये व्यापक स्तर पर नीति तैयार की जानी जरूरी हैं।
श्री मल्होत्रा ने स्पष्ट करते कहा है कि मैंटर्स युवा वर्ग को नये परिवेश के अनुरूप बेहतर प्रशिक्षित कर सकता है और स्किल डेवलपमैंट के नये अवसर बना सकता है। आपने विश्वास व्यक्त किया है कि सरकार, उद्योगों व शिक्षण संस्थानों के सहयोग से युवा वर्ग को स्किल्ड, जॉब प्रोवाइडर बनाने के लिये योजनाओं के परिणाम साकारात्मक रूप से सामने आएंगे और इसके साथ ही रोजगार का प्रतिशत बढ़ेगा। आपने इस हेतु विश्वविद्यालयों से भी आग्रह किया है कि वे कालेजों में प्रोफैशनल रिलेशनशिप डेवलपमैंट के लिये विशेष नीति तैयार करे ताकि रोजगार के लिये प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
- Default Comments (0)
- Facebook Comments