स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान देने वाले शहीदों को कभी भुलाया नहीं जा सकता: गौरव चौधरी
CITYMIRRORS-NEWS-गणतंत्र दिवस को पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध व स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का एक स्मारक है। उक्त वक्तव्य युवा नेता गौरव चौधरी ने ओल्ड फ़रीदाबाद स्थित बाढ़ मोहल्ला में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण करते हुए कहे। गणतंत्र दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री चौधरी ने बताया कि 15 अगस्त 1947 को भारत देश स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया। हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है। 26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। गौरव चौधरी ने बताया कि हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने का अधिकार देता है। संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। इसलिए आज के दिन को पूरा देश बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाता है और तिरंगा झंडे को फहराता है, जो हमारे देश की आन-बान और शान की निशानी है। कृषि कानूनों के विरोध में निकली गई ट्रैक्टर यात्रा का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़ किसानों के हित में इन काले कानूनों को वापिस लेना चाहिए। सरकार की हठधर्मिता के चलते आज 100 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। श्री चौधरी ने आंदोलनरत किसान भाइयों से अपील की जिस तरह आंदोलन शुरुआत से शांतिपूर्ण तरीक़े से चलाया है, उसी तरह आगे भी अहिंसा के मार्ग पे चलते हुए अपना लक्ष्य हासिल करें और साथ ही कोरोना महामारी से बचने के लिए जो ज़रूरी नियम है उनका पालन करें ।
इस मौके पर मदन प्रधान, शिव कुमार, नारायण प्रधान , शाम बागड़ी, विकास सहरिया, डॉक्टर दिनेश, रजनी महौर , पूरण सहारिया जी, अनिल प्रधान, गौतम चौहान, ललित धामनिया , भावेश , राहुल कुमार रज़ाक़, गीता महौर , मुन्नी ताई, शिवम् , मनीष , महेश खोली आदि सैंकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित थे ।