हरियाणा 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती हुई रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई मोहर।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस निर्णय को सही ठहराया है, जिसमें हाईकोर्ट ने हुड्डा सरकार के दौरान भर्ती किए गए 1983 पीटीआई शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक तय समय में नए सिरे से भर्ती करने का भी आदेश दिया है।
Haryana: 1983 PTI teachers’ recruitment canceled, Supreme Court also stamped on High Court verdict
इससे पहले हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 11 सितंबर, 2012 को भर्ती रद्द करने का फैसला दिया था। इसके बाद 30 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने भी एकल बेंच के आदेश पर मुहर लगा दी थी। टीचर्स ने की थी सुप्रीम कोर्ट में अपील
इसके बाद प्रभावित टीचर्स ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस रविंद्रा भट की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपना फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।हालांकि सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश अभी जारी नहीं हुआ है।
अब इन शिक्षकों की नौकरी जाना तय है।
11 सितंबर 2012 को हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह ने एक साथ 68 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए पीटीआई की भर्ती रद्द कर दी थी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 10 अप्रैल 2010 को फाइनल चयन सूची जारी करके यह नियुक्तियां की थीं।हाईकोर्ट ने कमीशन को निर्देश जारी किए थे कि नियमों के तहत नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करे। इस भर्ती प्रक्रिया को पांच महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए। हाई कोर्ट ने कहा था कि यह नियुक्तियां निर्धारित नियमों के तहत नहीं हुई हैं और इन्हें गैरकानूनी कहलाना गलत नहीं है। चयनित कुछ उम्मीदवार तो ऐसे थे, जिन्होंने पीटीआई का डिप्लोमा पहले किया और दसवीं बाद में की थी। कुछ उम्मीदवारों ने चयन के बाद आवेदन फार्म भी जमा करवाया। कुछ के फार्म के साथ फीस जमा नहीं करवाई गई।इस बात का पूरा रिकार्ड डिविजन बेंच ने तलब भी किया था और भर्ती पर हैरानी जताई थी। कई दर्जन ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया, जो योग्यता पूरी नहीं करते थे।दर्जनों उम्मीदवार ऐसे हैं, जो अमरावती या महाराष्ट्र से पीटीआई कोर्स पूरा कर आए थे। उनके प्रमाण पत्र में परिणाम घोषित करने की तिथि के साथ छेड़छाड़ की गई है।