हरियाण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ बैठक में फिक्की के प्रधान एच के बत्रा बोले भारी संख्या में ऐसे उद्याग हैं जिनको नियमित व निर्वाध रुप से बिजली आपूर्ति चाहिए, और बिजली कट की स्थिति में जैनरेटर चलाना उनकी मजबूरी होती है।
फरीदाबाद। फरीदाबाद चैम्बर आफ कॉमस व इंडस्ट्रीज की कार्य कारणी की एक बैठक होटल रैडीसन ब्ल्यू में आयोजित की गई, जिसमें प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के साथ उद्योगों की समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में फिक्की की समस्त कार्यकारणी के आतिरिक्त हरियाण प्रदूषण नियंत्रण वोड के क्षेत्रिय अधिकारी दिनेश कुमार तथा सहायक अभियंता सचिन विशेष रुप से उपस्थित थे।
इस मौके पर उद्योगपतियों का पक्ष रखते हुए संस्था के प्रधान एच के बतरा ने कहा कि प्रदूषण व इससे जुडी समस्याओ को उद्योग जगत भी जानता है, लेकिन उद्योगपतियों को मजबूरी में जैनरेटर चलाना पडता है, यदि सरकार की तरफ से 24 घंटे की बिजली आपूर्ति सुनिश्चत कर दी जाए तो उद्योगपतियों को जैनरेटर की जरुर ही नहीं पडेगी। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में ऐसे उद्याग हैं जिनको नियमित व निर्वाध रुप से बिजली आपूर्ति चाहिए, और बिजली कट की स्थिति में जैनरेटर चलाना उनकी मजबूरी होता है। यही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से प्रदूषण विभाग लगातार इस प्रकार के आदेश जारी कर रहा है जिनको पूर्ण रुप से लागू करना संभव नहीं है, हालांकि हर उद्योगपति प्रदूषण को लेकरअपनी जिम्मेवारी जानता है।
इस मौके पर फिक्की के महासचिव व अभिराशि ग्रुप आफ कम्पनी के निदेशक आशीष जैन ने उद्योगपतियों की समस्याओं को रखते हुए कहा कि आज प्रदूषण एक बडी समस्या है लेकिन उसका हल आपस में मिली बैठ कर निकाला जाना चाहिए, केवल उद्योगपतियों को इसके लिए दोषी ठहराना और उन पर लगातार शिकंजा कसने से प्रदूषण की समस्या का निदान नहीं है। श्री जैन ने कहा कि केवल मात्र उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ अन्य कारणों पर ध्यान देकर प्रदूषण के खिलाफ सामूहिक लडाई लडनी होगी तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है।
इस मौके पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने उद्योगपतियों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना तथा काफी हद तक उन से सहमति भी व्यक्त की, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि बढते प्रदूषण के चलते अब हम सभी को मिलकर लडाई लडनी होगी, उन्होंने उद्योगपतियों को बताया कि केवल जैनरेटर सैटों से दूर होने के साथ आप लोगों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तथा कोयला व डीजल को छोड पीएनजी व सीएनजी पर निर्भरता बढानी होगी तभी आने वाले समय की चुनौतियों का सामना कर पाएगें। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों की समस्याओं में कुछ जायज बातें भी हैं और हमारा मानना है कि उद्योगपतियों को एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के रुप में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलना चाहिए, निश्चित तौर पर उनकी सुनवाई होगी तथा उनकी समस्याओं का समाधान भी होगा। इन अधिकारियों ने बताया कि पिछले दिनों इसी प्रकार से अपनी समस्यााओं को लेकर राईस मिल मालिक मुख्यमंत्री से मिले थे जिनको मुख्यमंत्री ने तुरंत राहत दी थी। इस मौके पर सभी उपस्थित उद्योगपतियों ने आए हुए अधिकारियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनको स्वागत किया।