Citymirrors.in-सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की चौपाल पर देश-विदेश के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी। इसकी झलक गुरुवार को चौपाल पर थीम स्टेट महाराष्ट्र और मेजबान प्रांत हरियाणा के लोक कलाकारों ने दिखा दी। अगले 17 दिन मेले की दोनों चौपालों पर विभिन्न प्रदेशों और विदेशों के करीब 500 लोक कलाकार अपनी प्रतिभा से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। इनमें महाराष्ट्र के करीब 110 लोक कलाकार अलग-अलग दिनों में चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। पहली बार तय किया गया है कि लोककलाकार पूरे 17 दिन के लिए नहीं होंगे। बल्कि कुछ दो दिन तो कुछ पांच दिन के लिए विभिन्न प्रदेशों से लोक कलाकार मेले में आएंगे। साथ ही भागीदार देश थाइलैंड, श्रीलंका, घाना, आस्ट्रेलिया, उज्बेकिस्तान, कांगो आदि देशों के करीब 40 लोक कलाकार भी चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। मेला प्राधिकरण के अधिकारी इसकी व्यवस्था में जुटे हैं। सभी विदेशी लोककलाकरों के शुक्रवार तक आने की उम्मीद व्यक्त की गई है। ————-लाठी-काठी लोक नृत्य पर मंत्रमुग्ध हुए दर्शक चौपाल पर गुरुवार को महाराष्ट्र के लोक कलाकारों ने मराठाओं के शौर्य का दिखाता लाठी-काठी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। जिसे देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस नृत्य को मर्दानी खेल भी कहा जाता है। यह मराठों द्वारा सृजित शस्त्रों वाली युद्ध कला है। इस नृत्य को लोक कलाकारों ने लाठी-काठी, तलवार-ढाल, दांड-पट्टा आदि से रोमांच पैदा कर दिया। नृत्य से पहले कलाकारों ने छत्रपति शिवाजी की पूजा की गई। कलाकारों ने नृत्य करते हुए अपनी तलवार बाजी का जलवा दिखाया। कलाकारों ने नींबू काट नृत्यकर सभी रोमंाचित कर दिया। ———-हरियाणवी लोककलाकारों ने प्रस्तुत किया लोकगीत..छैल मरोड़ा मत मारै मर जांगी जैसे लोकगीत और लोकनृत्य से हरियाणावी कलाकारों ने चौपाल पर होने वाले धमाल की झलक दिखा दी। जोश और उत्साह से भरे लोकनृत्य पर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।