2 हजार रुपए की मोबाईल फोन की किश्त चुकाने के लिए बने चोर। फरीदाबाद में क्राइम ब्रांच सेक्टर-56 ने ऐसे ही गिरोह को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है, जो मोबाइल फोन की किश्त भरने के लिए चोर बने। जब पहली चोरी में ये पकड़े नहीं गए तो उसके बाद वाहन चोरी की घटनाओं का सिलसिला चलता रहा। क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के 7 बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 22 मोटरसाइकिल बरामद की है। गिरफ्तार बदमाशों में से 4 बदमाशों को न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया गया है, जबकि 3 आरोपी पुलिस रिमांड पर लिए गए हैं, जिनसे पुलिस अभी पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने यह भी बताया कि चोरी के वाहनों को वे मेवात में 5 हजार रुपए में बेच देते थे। शातिर बदमाश वाजिद और अजरुद्दीन वाहन चोर गिरोह के मुखिया हैं और रिवाल्वर चोरी करने के मुख्य आरोपी है। इस गिरोह में कुल 7 सदस्य हैं, जो हरियाणा और उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। दरअसल फरीदाबाद के जकोपुर गांव का रहने वाला अजरुद्दीन इस गिरोह का मुखिया है। जो खुद 10 मोटरसाईकल और स्कूटी चोरी करने की घटना को कबूल रहा है। इसके बाकी साथियों ने इसके अलावा 12 दोपहिया वाहन अलग-अलग जगहों से चोरी किये हैं। मुख्य आरोपी अजरुद्दीन की मानें तो उसने खुद 10 वाहन चुराए हैं। मैंने 17000 रुपए का मोबाईल फोन फाइनेंस करवाया था, जिसकी किश्त भरने के लिए उसने चोरी शुरू की। वहीँ क्राइम ब्रांच के इंचार्ज आनंद सिंह की मानें तो उन्होंने एक गिरोह के 7 बदमाशों को पकड़ा है, जिन्होंने दोपहिया वाहनों की चोरी की घटना को अंजाम दिया। इन्होने बल्लबगढ़ से एक रिवॉल्वर भी चोरी की थी, जिसे इन्होने उत्तर प्रदेश में बेच दिया। आनंद की मानें तो मोबाइल फोन की किश्त भरने के लिए चोरी करना शुरू किया था। इन्होने देखा की पहली चोरी में वे पकड़े नहीं गए हैं तो बाद में और चोरी करते रहे।