Citymirrors-news-नगर निगम प्रशासन ने अपनी सीलिंग अभियान के तहत गुरुवार की सुबह पांच बजे दिल्ली मथुरा रोड स्थित एस्कार्टस आफिस पहुंच गए और पुलिस की मदद से छह बजे कारपोरेट आफिस को सील कर दिया। वही सेक्टर 59 स्थित इंडो अमेरिकन कंपनी की दो युनिट को सील कर दिया।
इतने बड़े समूह के आफिस सील करने के बाद इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना तत्काल कंपनी प्रबंधन को दी गई। कंपनी प्रबंधन ने निगम प्रशासन के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया और तीन घंटे के अंदर अंडरटेकिंग देकर सील को खुलवा दिया। निगम के इस कदम से औद्योगिक जगत में नाराजगी है। उनका कहना है कि इंडस्ट्री के क्षेत्र में फरीदाबाद की पहचान देश दुनिया में पहुंचाने वाले समूह केसाथ की गई इस कार्रवाई को किसी भी सूरत में जायज नहीं कहा सकता। निगम कमिश्नर से लेकर अन्य उच्चाधिकारी अभी मामले को निपटाने में ही लगे थे कि शाम करीब पांच बजे िनगम की टीम ने सेक्टर 59 स्थित इंडो अमेरिकन कंपनी की दो युनिट को सील कर दिया। निगम ने चार दिनों के अंदर अब तक करीब 15 यूनिटों को सील कर चुका है। उधर निगम कमिश्नर यश गर्ग का कहना है कि किसी भी बड़े बकाएदारों को छोड़ा नहीं जाएगा। जिन पर भी टैक्स बकाया है उन्हें जमा कराना होगा। अथवा सीिलंग की कार्रवाई की जाएगी।ओल्ड फरीदाबादजोन के क्षेत्रीय कराधान अधिकारी अनिक कुमार रखेजा ने बताया कि एस्कार्टस ग्रुप पर करीब 2.20 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया था। कंपनी ने जो सेल्प असेसमेंट दिया था वह गलत था। हरियाणा म्यूनिशनल कारपोरेशन एक्ट में दिए गए प्रावधान के तहत गलत असेसमेंट देने पर 100 प्रतिशत जुर्माना भरना होता है। इसी लिए कंपनी पर बकाया जुर्माना सहित राशि मिलाकर 4.40 तक हो गया था। उन्हांेने बताया कि ओल्ड जोन के ज्वाइंट कमिश्नर विरेंद्र चौधरी को डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। उनकी देखरेख में तोड़फोड़ टीम और पुलिस की मौजूदगी में सीलिंग की कार्रवाई की गई। नगर निगम कमिश्नर यश गर्ग का कहना है कि कंपनी को बकाया जमा कराने के लिए पहले भी कई बार नोटिस जारी किया गया था। लेकिन कंपनी ने बकाया जमा नहीं कराया। उन्होंने बताया कि सील होने के बाद कंपनी अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और निगम को अंडर टेंकिंग दी है। इसके बाद सील खोल दिया गया है। उन्हांेने ये भी कहाकि बड़े बकाएदारों के खिलाफ नगर निगम प्रशासन सख्ती से पेश आएगा।