Citymirrors-news-(एजेंसी)आप को याद हो कि 2014से पहले जब देश में कांग्रेस सरकार थी तो उस समय ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द यूपीए के शासनकाल में उछाला गया था और इसे उछालने का काम उस समय के गृह मंत्री के रूप में सुशील कुमार शिंदे और पी. चिदंबरम वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने ‘हिंदू आतंकवाद’ का मामला जोर शोर से उठाया था। और इन्ही कारणों से 26 नवंबर, 2008 के मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब अगर मौके पर ही मारा जाता तो आज दुनिया इस घटना को शायद हिंदू आतंकवाद मान रही होती। 26/11 अटैक को अंजाम देने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने इसे भारत के ही हिंदुओं की ओर से किए गए आतंकवादी हमले का रूप देने की बेहद खतरनाक साजिश रची थी। इसका रहस्या मंगलवार को दिल्ली में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में मुंबई हमले को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने अपनी पुस्तक लेट मी से इट नाउ में लिखा है कि
अगर लश्कर का प्लान सफल हो जाता तो सारे अखबार और टीवी चैनलों पर ‘हिंदू आतंकवाद’ की हेडिंग ही दिखती। कांग्रेस द्वारा ‘हिंदू आतंकवाद’ को ऊपर उठाकर बीजेपी पर हमला करने वाली उस समय की कांग्रेस सरकार के एजेंडे का फायदा उठाकर 26/11 अटैक को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने
इसे भारत के ही हिंदुओं की ओर से किए गए आतंकवादी हमले का रूप देने की बेहद खतरनाक साजिश रची थी। इसके लिए उसने कसाब के हाथों में कलावा पहनकर रहने की नसीहत भी दे रखी थी। वहीं कसाब को यह कहकर भेजा गया था कि भारत
में मुस्लिम लोगाें पर अत्याचार किया जा रहा है। वहीं मुस्लिम भाइयों को मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने दिया जाता है। पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने लिखा है कि जब कसाब उनके अंडर में आया तो वह उनके काफी करीब आ चुका था। कसाब ने बताया
था कि वह खूब पैसे कमाना चाहता है। और अपने परिवार की सेवा करना चाहता है। उसे पता है कि भारत में मस्लिमों पर जुल्म हो रहा है। और वह इसका बदला लेने आया था । लेकिन जब मैने मुस्लिमानों की हकीकत बताई कि यहां मुस्लिम काफी खुशी से रहते है। रोजाना मस्जिदों में नमाज पढ़ते है। तो कसाब भौचक्का सा रह गया। इस किताब पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
ने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा कांग्रेस को साल 2014 औऱ 2019 में भुगतना पड़ा। जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया। मारिया की किताब पर पीयूष गोयल ने कहा कि ये बातें उन्हें तब बोलनी चाहिए थीं जब वो पुलिस कमिश्नर थे। गोयल ने सवाल किया कि मारिया ने ये सब बातें अभी क्यों
बोला?पहली बात तो ये कि मारिया ने ये सब बात अभी क्यों बोला। जब वो पुलिस कमिश्नर थे तब उन्हें ये सब बातें बोलनी चाहिए। वास्तव में सर्विस रूल्स में अगर कोई जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास है तो उनके उसके ऊपर एक्शन लेना चाहिए था। मेरे ख्याल से बहुत गहरी साजिश रची गई थी कांग्रेस
द्वारा, यूपीए द्वारा। झूठ और फरेब का एक और नमूना उस समय हमने देखा था उसका खामियाजा उन्हें 2014 में और 2019 में…देश की जनता ने उन्हें पूरी तरह से हराया। मैं समझता हूं टेरर का कोई धर्म नहीं होता। टेररिस्ट, टेररिस्ट होता है और झूठे आरोपों पर कुछ लोगों को जो फंसाने की कोशिश कांग्रेस ने की थी उसकी हमारी सरकार घोर निंदा करती है।राम माधव ने कहा कि कुछ बुद्धिजीवियों ने मुंबई आतंकवादी हमले को आरएसएस से जोड़ने का प्रयास किया था, उन्हें कांग्रेस नेताओं का समर्थन प्राप्त था। आज यह पता चला है कि यह आईएसआई द्वारा एक साजिश थी और कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी इसे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।