पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी 8 सितम्बर रविवार को 11 स्थित मिलन वाटिका बैंक्वेट में वात्सल्यवाणी का महाप्रसाद देंगी।
Citymirrors.in-पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी का फरीदाबाद आगमन हो रहा है। सितम्बर रविवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। ज्यादा जानकारी देते हुए समाजसेवी बीआर सिंगला ने बताया कि वात्सल्य ग्राम वृन्दावन की अधिष्ठात्री *पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी का 8 सितम्बर को फरीदाबाद में* शुभागमन हो रहा है।8 सितम्बर रविवार को साँय 5 बजे सेक्टर 11 स्थित मिलन वाटिका बैंक्वेट में हम सब को उनकी वात्सल्यवाणी का महाप्रसाद प्राप्त होगा।* जैसा कि सभी को ज्ञात ही है कि वृन्दावन में 52 एकड़ के परिसर में स्थापित वात्सल्य ग्राम में भाव सम्बंधों से अन्तरगुम्फित अनूठे पारिवारिक ताने बाने को बुना गया है।जहां पर विभिन्न निराश्रित एक दूसरे के पूरक हो रहे हैं।जहां आने वाले प्रत्येक निराश्रित शिशु भाव सम्बन्धों से अन्तरगुम्फित माँ की ममता(यशोदा गोद) के साथ-साथ नानी और मौसी का स्नेह, अपना घर अपना आँगन अपनी रसोई उपलब्ध है।जहां देश की तीन संवेदनहीन व्यवस्थाओं- अनाथालय, नारी निकेतन और वृद्धाश्रम का ठोस विकल्प है-वात्सल्य परिवार।जहां माँ स्वाभिमान और संस्कारों के साथ जीती है और वही अपनी पुत्रियों और पुत्रों में घुट्टी बनाकर भर देती है। जहां निराश्रित शिशु को केवल पाल पोस कर बड़ा कर देना ही लक्ष्य नही है अपितु पूर्णता के साथ प्रयास है कि यहां पला बढ़ा प्रत्येक नन्हा शिशु भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करे। बीआर सिंगला ने बताया कि वे नवजात शिशु जिन्हें उनकी माता किन्ही कारणों से वात्सल्य ग्राम में छोड़ देती हैं *उन्हें माँ के दूध की कमी को “कामधेनु गौ-गृह” की गौमाताएँ ही पूर्ण करती हैं।* इन गऊओं के द्वारा यहां के सैकड़ों नन्हे बच्चों का जीवन पुष्ट हो रहा है। पूज्या दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी की कृपा से इस विशेष गौशाला के सन्चालन की पूर्ण जिम्मेवारी फरीदाबाद के हम धर्म निष्ठ गौभक्तों को मिली है।*दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा जी फरीदाबाद की सक्षम सज्जन शक्ति से इस महत्वपूर्ण सेवा से जुड़ने का आह्वान करेंगी।*आदरणीय गौभक्त बन्धु,वात्सल्य ग्राम,वृन्दावन की गौशाला में किया गया सहयोग न केवल गौसेवा का पुण्य देगा बल्कि घर बैठे ही उन नन्हे नवजात बच्चों की सेवा का सुअवसर भी प्राप्त होगा जिन्हें किन्ही कारणों से मातृत्व सुख नही मिल सका।