Citymirrors-news-कई महीनों के लंबे इंतज़ार के बाद सदन की बैठक की तिथि घोषित कर दी गई है । लेकिन एक तरफ जहाँ निगम अधिकारी इस मीटिंग को लेकर गंभीर नही दिखाई दे रहे है वही पार्षद भी इसे सिर्फ़ खाना पूर्ति मानकर चल रहे है।, क्योकि मेयर, पार्षद व मीडिया के दवाब में सदन की बैठक करने के लिए अधिकारियों को तैयार होना पड़ा ऐसा लगता है।
इस बार सदन की बैठक में पार्षद व अधिकारियों के बीच सीधे टकराव की नौबत आ सकती है। कई मामलों को लेकर मेयर सुमनबाला भी अधिकारियों से खफा हैं। मेयर का मानना है कि अधिकारियों की मनमानी की वजह से पार्षदों को जनता के बीच अपमान की स्थिति का सामना करना पड़ता है। वेेसे भी अधिकारी पाार्षदो को हमेेशा ही
अनदेखा करते आए है वहीं शहर में गंदगी के ढेरों को लेकर सरकार, संगठन व पार्षदों को बेहद दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है। विकास कार्यों में भी अधिकारियों की मनमानी की वजह से पार्षदों को असहज होना पड़ता है। अधिकारियों के चहेते ठेकेदार अपनी मर्जी चलाते हैं और पार्षदों की बात सुनते तक नहीं।
ऐसे ही तमाम मामलों को लेकर सदन की बैठक में पार्षद व अधिकारियों में टकराव की नौबत आ सकती है। इसके अलावा शहर भर में कूडा उठाने वाली कंपनी ईको ग्रीन की विफलता भी सदन की बैठक में हंगामे की मुख्य वजह बन सकती है। नगर निगम ने ईको ग्रीन कंपनी को शहर भर से कूडा उठाकर डंपिंग साईट पर ले जाने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन फरीदाबाद में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां गंदगी उठाने का काम सफलता पूर्वक किया जा रहा है।
जगह जगह गंदगी के ढेरों ने विपक्षी दलों को सरकार के विधायक, मंत्री व भाजपा संगठन पर हमला बोलने का सुनहरा मौका दे दिया है। इससे भाजपा सरकार को खासी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। मोदी व भाजपा सरकार को चाहने वाले लोग भी गंदगी के ढेर देखकर खासे विचलित हैं। इससे भाजपा सरकार की इतनी नगेटिव छवि बन चुकी है कि उन्हें इसका खामियाजा चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।
खुद भाजपा के लोग भी अधिकारियों की वजह से सरकार की बिगड़ती छवि से चितिंत हैं। कई मौकों पर भाजपा के बड़े नेता मुख्यमंत्री को इससे अवगत करवा चुके हैं, लेकिन हैरत की बात है कि मुख्यमंत्री अपने नेताओं की बात को दरकिनार कर अधिकारियों का पक्ष लेते हुए दिखाई देते हैं। इनके अलावा विकास कार्यों में घटिया क्वालिटी का मुद्दा भी सदन की बैठक में छाया रह सकता है। देखना अब यह है कि अधिकारी अपने बचाव में क्या रणनीति अपनाते हैं।