शंखनाद रैली में भीड़ तो जुटी लेकिन कैसे-कैसे और कहां-कहां की भीड़ थी।सोशल मीडिया में खूब हो रहा है वायरल।
Citymirrors.inहरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल की शंखनाद रैली पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है खासकर सोशल मीडिया पर। शंखनाद रैली में भीड़ तो जुटी लेकिन कैसे-कैसे और कहां-कहां की भीड़ थी यह खुद भीड़ को भी नहीं पता था। सोशल मीडिया पर चल रही वीडियो और तस्वीरें यह साफ बयान कर रही है कि शंखनाद रैली का शंख फट गया है क्योंकि भीड़ में जहाँ विभिन्न कंपनी के कर्मचारी थे । वही ज्यादातर वे लोग दिखाई दिए जिन्हें खाने, पैसों और बहकावे के बल पर बुलाया गया था। रैली में आए लोगों से जब यह पूछा गया कि यह रैली किसकी है और आप लोग किसलिए आए हैं तो उनका कहना यह था कि हमें नहीं पता आते टाइम खाना बीडी-सिगरेट मिलेगा और जाते टाइम भी। कुछ ने कहा कि हमें ढाई सौ की दिहाड़ी मिलती है जो आज काम पर जाने की बजाय यहां मिलनी थी। कुछ ने कहा कि हमें तो फलाना लेकर आया है और क्यों लाया है पता नहीं बस उन्होंने कहा और हम बसों में बैठ कर चल दिए। कुछ ने कहा कि क्या लेना है किसकी रैली है खाओ पियो और मौज लो। यहां तक कि एक ने तो सेक्टर-12 हुड्डा ऑफिस के पास पैसे बंटने का भी दावा किया। कहीं एक बस पर ₹41000 खर्च करने का दावा भी सामने आया है। एक ने कहा कि हमें तो आर्डर मिला था और 5-6 गाड़ियां और बसों में भरकर आना पड़ा क्योंकि जो मालिक ने कहा वह मानना पड़ता है।लेकिन कुछ लोग यह भी कहते पाए गए कि हम विपुल गोयल को सीएम बनाना चाहते हैं उसी की रैली में आए हैं। ऐसा नहीं है कि सारी की सारी पब्लिक गलत तरीके से बुलाई गई थी। रैली में विपुल गोयल तथा बीजेपी के समर्थकों की भी अच्छी संख्या थी।कुछ लोगों को यह भी नहीं पता था कि किसकी रैली है और उनमें से एक तो बोला मोदी की रैली है शायद। भीड़ में कुछ मजदूर वर्ग के लोग भी दिखाई दिए जिन्होंने कहा कि हमें नहीं पता हमें तो ₹500 में ठेकेदार लाया है। पलवल से आए कुछ युवाओं ने ₹500 दिहाड़ी और दारु के दम पर आने का दावा किया। दूसरी तरफ कुछ का यह कहना था कि हम तो कांग्रेसी हैं और रहेंगे हमें ₹500 देकर बुलाया गया है। कुछ आंगनवाड़ी वर्कर्स ने कहा कि रैली का क्या है हमें तो आने के लिए बोला गया था तो आ गए। रैली में रोडवेज के कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई जबकि हरियाणा के रोडवेज विभाग में पहले ही कर्मचारियों की कमी बताई जा रही है। अब तो आने वााले वाले दिनों में यह देखना है की ऊंठ किस और करवट लेता है।