अरावली हिल्स में हुए अवैध निर्माण के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा ।
Citymirrors.in-अरावली चीरहरण को लेकर अब एनजीटी ने बड़ा ऐक्शन लिया है। सूरजकुंड के आस पास अरावली हिल्स में हुए अवैध निर्माण के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा है। इस नोटिस की जानकारी एनजीटी ने बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एल एन पराशर को दी है और उन्हें पत्र लिख कर उनसे भी पूरी जानकारी माँगी है। वकील पाराशर ने सितम्बर 2018 को अरावली पर अवैध खनन को लेकर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित मुख्य सचिव हरियाणा और एनजीटी को एक पत्र लिखा था। उस पत्र पर हरियाणा सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की थी जिसके बाद अब एनजीटी ने सरकार ने जबाब माँगा है।
पाराशर ने कहा कि उसके बाद भी अरावली पर अवैध खनन और अवैध निर्माण जारी रहे और हाल में मुझे जानकारी मिली कि फरीदाबाद सूरजकुंड रोड पर उज्जवल फ़ार्म हाउस में ब्लास्ट कर पत्थर निकाले गए और वहाँ अवैध निर्माण भी हुए जिसकी शिकायत मैंने कई विभाग के अधिकारियों से की लेकिन फरीदाबाद के अधिकारी कभी कोई कार्यवाही करते ही नहीं जिस कारण मुझे पीएम सीएम से शिकायत करनी पड़ती है।
पाराशर ने कहा कि अरावली पर जहाँ-जहाँ अवैध खनन और अवैध निर्माण हो रहे हैं मेरे पास उन सबके सबूत हैं और सभी सबूत मैं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पास भेज रहा हूँ और अरावली के माफियाओं और सम्बंधित अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग करूंगा।
पराशर ने कहा कि अरावली पर अभी भी जंगल को उजाड़ने का काम जारी है। जहाँ खनन पर उच्चतम न्यायालय से पूर्णत: रोक लगाईं है, किसी तरह के निर्माण पर रोक लगाईं है वहाँ अब भी अवैध रूप से खनन और अवैध निर्माण हो रहे हैं। सब कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। पाराशर ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर का एक मात्र जंगल (अरावली हिल्स) जिसका दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण को संतुलित करने में अहम योगदान है, उसे बचाने के लिए मैं हर प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा की कि भू-माफिया और बिल्डरों ने प्रशासन से मिलीभगत कर जंगल में अवैध रूप से कटाई और अवैध कब्जा कर फार्म हाउसों का निर्माण करने में लगे हैं। व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। राजनीतिक संरक्षण के चलते सूरजकुंड रोड पर बने विवाह स्थलों पर बजने वाले कानफोड़ू डीजे साउंड तथा आतिशबाजी से इस वन में रह रहे जंगली जानवरों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। फरीदाबाद की जनता प्रदूषण झेल रही है। लोग बड़ी बड़ी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सब नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। नेता भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं। अधिकारी अभी जेबें भर रहे हैं। पाराशर ने कहा कि कई नेताओं के भी हाल में वहां फार्म हॉउस बने हैं। उन्होंने कहा कि एनजीटी को पूरी रिपोर्ट भेज रहा हूँ।